Banda News: बांदा का ऐतिहासिक दशहरा, पांच दिनों तक जलता है रावण

Banda News: बांदा में अलग-अलग 5 दिन रावण का वध किया जाता है और पांचों दिन रावण के पुतले फूंके जाते हैं और फिर शुरू होता है दशहरा मिलन समारोह जो पांच दिन चलता है।

Anwar Raza
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Published on: 12 Oct 2024 1:57 PM GMT
Bandas historical Dussehra, Ravana burns for five days
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बांदा का ऐतिहासिक दशहरा, पांच दिनों तक जलता है रावण: Photo- Newstrack

Banda News: बांदा में दशहरा पर्व का विशेष महत्व है जहां समूचे देश में एक ही दिन दशहरा मनाया जाता है और उसी दिन रावण वध का मंचन, रावण और मेघनाथ के पुतले जलाए जाते हैं। परंतु जनपद बांदा में अलग-अलग 5 दिन रावण का वध किया जाता है और पांचों दिन रावण के पुतले फूंके जाते हैं और फिर शुरू होता है दशहरा मिलन समारोह जो पांच दिन चलता है।

आज पहले दिन रामलीला प्रागी तालाब द्वारा संचालित रामलीला में राम रावण युद्ध का मंचन हुआ। उसके बाद श्री राम ने जैसे ही रावण की नाभि में बाण मारा वैसे ही दूसरी तरफ रावण का पुतला धू-धू कर जलने लगा और उसी के साथ बांदा में पहला दशहरा शुरू हो गया।

देशभर में रामलीलाओं का मंचन

गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई रामायण के अनुसार देशभर में रामलीलाओं का मंचन किया जाता है और इसके बाद रावण वध होता है। उसी दिन विजयदशमी का त्यौहार मनाया जाता है परंतु बांदा में दशहरा मनाने का अलग अंदाज है।

यहां 5 दिन अलग-अलग रावण जलाने की प्रथा बहुत पुरानी है। शहर के पांच स्थानों पर 5 दिन लगातार रावण का वध कर विजयदशमी का त्योहार मनाया जाता है और इस त्यौहार को लोग एक दूसरे के घर जाकर दशहरे की बधाई देते हैं ।


प्रागी तालाब में रावण वध होते ही बांदा में शुरू हुआ पांच दिवसीय दशहरा

पहले दिन का दशहरा रामलीला प्रागी तालाब का मनाया जाता है। यह दशहरा प्रागीतालाब के तालाब के मैदान में मंचन के बाद मनाया जाता है। इस दशहरे को छोटी बाजार, मढ़िया नाका, खुटला सहित एक दर्जन मोहल्लों में मनाया जाता है।

दूसरे दिन अलीगंज रामलीला में रावण का वध होता है और पुतला दहन के बाद अलीगंज, खाई पार, बाबूलाल चौराहा, गूलर नाका, चौक बाजार सहित आधा दर्जन में मोहल्लों में दशहरे का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।तीसरे दिन नाई राम लीला का मंचन मानिक कुइयां के मैदान में होता है ।

यहां भी युद्ध का मंचन कर रावण का वध होता है और फिर परंपरागत तरीके से दशहरा मिलन समारोह की धूम होती है। तीसरे दशहरे में कटरा, बलखंडी नाका, नोनिया मुहाल, छवि तालाब ,बन्योटा, सिंह वाहिनी मंदिर, क्योटरा में दशहरा मनाया जाता है।

चौथा दशहरा सिविल लाइन इलाके में होता है, यहां पर भी जहीर क्लब मैदान में रावण वध के बाद पुतला जलाने की परंपरा है इस दिन स्वराज कॉलोनी, पुलिस लाइन सिविल लाइन जरेली कोठी ,केन पथ रोड इत्यादि मोहल्लों में दशहरा मिलन होता है। पांचवा और अंतिम दशहरा पिछले तीन-चार वर्षों से आवास विकास कॉलोनी के पास काशीराम कॉलोनी में मनाया जाता है। यहां भी रावण वध के बाद दशहरा मिलन होता है।

दशहरे में लोग पांच दिन तक खास पकवान बनाते हैं

यहां के पाँच मोहल्ले प्रागी तालाब, अलीगंज, छाबी तालाब, जहीर क्लब और काशीराम कॉलोनी में अलग-अलग रावण जलाये जाते हैं। पर ये पाँचों रावण एक ही दिन नहीं जलते हैं बल्कि एक- एक करके जलते हैं। बांदा के दशहरे में लोग पांच दिन तक खास पकवान बनाते हैं, जिसके बाद लोग एक-दूसरे के घर दशहरे की शुभकामना देने आते हैं। लोग दशहरे के दिनों में आपसी मतभेद को भुलाकर एक-दूसरे के गले मिलकर फिर से दोस्ती की शुरूआत करते हैं।

Shashi kant gautam

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