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Banda News: सुशासन सप्ताह कार्यशाला में IAS अनुराग पटेल ने अधिकारियों को पढ़ाया जिम्मेदारी का पाठ
Banda News: IAS पटेल ने अधिकारियों को जिम्मेदारी का पाठ भी पढ़ाया। उन्होंने कहा, सरकार हमें अच्छा वेतन देती है तो अपेक्षा करती है कि हम ईमानदारी से अपनी भूमिका निभाएं। इससे मिली दुआओं का कोई मोल नहीं होता।
Banda News: 19 से 24 दिसम्बर तक मन रहे 'सुशासन सप्ताह' को लेकर सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए IAS अनुराग पटेल ने कहा, भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई और भारत रत्न पंडित मदनमोहन मालवीय का जन्मदिन 25 दिसंबर 'सुशासन दिवस' के रूप में मनाया जा रहा है। इससे ठीक पहले 19 से 24 दिसम्बर तक केंद्र और राज्य सरकार ने 'सुशासन सप्ताह' आयोजित किया है। सरकार की मंशा वास्तविक लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ देने के लिए प्रशासन को गांव की ओर उन्मुख करते हुए आईजीआरएस से जन शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित कर शिकायतकर्ता को संतुष्ट करना है।
बतौर बांदा डीएम अपने नवाचारों का जिक्र कर रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए किया प्रेरित
IAS पटेल ने अधिकारियों को जिम्मेदारी का पाठ भी पढ़ाया। उन्होंने कहा, सरकार हमें अच्छा वेतन देती है तो अपेक्षा करती है कि हम ईमानदारी से अपनी भूमिका निभाएं। इससे मिली दुआओं का कोई मोल नहीं होता। हम सुनिश्चित करें कि एक भी पात्र लाभार्थी योजनाओं के लाभ से वंचित न रह पाए। इस बीच पटेल बांदा DM वाले पुराने अंदाज में भी नजर आए। शेर के जरिए नसीहत दी। पढ़ा- 'जिन्दगी में बड़ी शिद्दत से निभाओ अपना किरदार, ताकि परदा गिरने के बाद भी तालियां बजती रहें।' उन्होंने बतौर डीएम नवेली-बुंदेली कन्या जन्मोत्सव, साक्षर प्रधान गांव की शान, प्रशासन पोषण पाठन अभियान और नदी झील सुंदरीकरण आदि नवाचारों का जिक्र कर अधिकारियों को सकारात्मक और रचनात्मक कार्यों के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने नवेली-बुंदेली और साक्षर प्रधान नवाचार संबंधी बुकलेट भी उपलब्ध कराते हुए कवि हृदय स्व. अटल बिहारी बाजपेयी की पंक्तियां 'हार नहीं मानूगां, रार नहीं ठानूगां' सुनाकर निरंतर आगे बढ़ते रहने का संदेश भी दिया।
काव्यात्मक पुट समेटे कार्यशाला में डीएम ने अधिकारियों को चौपाई से बताया उनका धर्म
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए बांदा DM नगेंद्र प्रताप ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कहा, उनके नवाचारों को बखूबी आगे बढ़ाकर सफल बनाया गया है। आगे भी उनका मार्गदर्शन लिया जाएगा। ग्राम पंचायत स्तर से जिला स्तर तक अधिकारियों को संवेदनशील होकर प्रभावी तरीके से कार्य करने और लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ दिलाने का जिम्मा सौंपा गया है। उन्होंने मानस की चौपाई ' परहित सरिस धरम नहि भाई, पर पीड़ा सम नहि अधमाई' सुनाकर अधिकारियों को उनका धर्म याद दिलाया। उन्होंने कहा, पूरे मनोयोग से जन समस्याएं सुनें। ठोस निराकरण सुनिश्चित करें। शासन के कार्यों को भली-भांति फाॅलो करें। विजन 2047 को लेकर पंचायती राज, उद्यान, शिक्षा, स्वास्थ्य, मनरेगा, पीएम स्वनिधि, एनआरएलएम, पशुपालन और पीडब्लूडी आदि विभागीय नुमाइंदों ने भी विचार रखे। मुख्य विकास अधिकारी वेदप्रकाश मौर्य ने धन्यवाद ज्ञापित किया।