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Banda News: NGT के सख्त नियमों की अनदेखी कर की जा रही अवैध खनन
Banda News: "नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल" के सख्त नियमों की अनदेखी कर भारी मशीनों से अवैध खनन और परिवहन किया जा रहा है। खास बात यह है कि इस खनन में जलीय जीव-जंतुओं की भी मौत हो रही है।
Banda News: बांदा जिले के मरौली ब्लाक नंबर 5 के पैलानी तहसील के बेंदा जौहरपुर पथरी, मड़ौली नरैनी के बरियारी में अवैध खनन का कार्य जोरों पर चल रहा है, जो पर्यावरण के लिए तो खतरा है ही साथ ही नदी की जलधारा को भी नुकसान पहुंचा रहा है। एनजीटी "नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल" के सख्त नियमों की अनदेखी कर भारी मशीनों से अवैध खनन और परिवहन किया जा रहा है। खास बात यह है कि इस खनन में जलीय जीव-जंतुओं की भी मौत हो रही है, लेकिन खनन माफिया बेखौफ होकर नदी की जलधारा से खनन कर रहे हैं, जबकि खनिज विभाग समेत संबंधित अधिकारियों का ध्यान इस मामले से पूरी तरह से हटा हुआ है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार बांदा में यह अवैध खनन कानपुर के एक कारोबारी द्वारा किया जा रहा है, जो खनन नियमों का उल्लंघन कर भारी पोकलैंड मशीनों से नदी की जलधारा से खनन कर रहा है। इस तरह के खनन से नदी को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है, जिससे जलीय जीव-जंतु और वनस्पति प्रजातियां खतरे में पड़ रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें पीने के लिए गंदा पानी मिलता है, भारी मशीनों द्वारा नदी में मलबा डालने और पानी के बहाव को रोकने के कारण पानी की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है। इस खनन के कारण जलीय जीव भी मारे जा रहे हैं, जो क्षेत्र की पारिस्थितिकी के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गया है। जबकि इस मामले में जिलाधिकारी बांदा ने हस्तक्षेप करते हुए अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे, जिसके बाद खदान पर कार्रवाई भी की गई और 54 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। लेकिन जुर्माना लगाने के बावजूद खनन माफियाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है। ये लोग अभी भी खुलेआम खनन कर रहे हैं और अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक खनन माफिया न सिर्फ नदी से अवैध खनन कर रहे हैं, बल्कि ओवरलोड परिवहन भी कर रहे हैं, जिससे सरकारी राजस्व को भी भारी नुकसान हो रहा है। इन ओवरलोड वाहनों के कारण सड़कों की हालत भी खराब है और इससे अवैध खनन के कारोबार को और बढ़ावा मिल रहा है। स्थानीय निवासियों और पर्यावरण प्रेमियों का आरोप है कि खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने वाले अधिकारी इस मामले में बेहद लापरवाह हैं। खनन माफियाओं को गिरफ्तार करने या उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय अधिकारी अपने चैंबर में एसी की हवा का आनंद ले रहे हैं और इस पूरे मामले पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। बांदा जिले के मथौंध थाना अंतर्गत मरौली खदान खंड संख्या 5 में हो रहे अवैध खनन का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें भारी पोकलैंड मशीनों से नदी की जलधारा से अवैध खनन किया जा रहा है।
यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और इसने पूरे मामले को और भी गंभीर बना दिया है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह खनन न केवल पर्यावरण बल्कि उनके जीवन और जल स्रोतों के लिए भी खतरे का कारण बन गया है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “यह खनन कार्य अब हमारे गांव और हमारे जल स्रोतों को बर्बाद कर रहा है। अधिकारियों की लापरवाही के कारण माफिया बेखौफ काम कर रहे हैं। इस अवैध खनन और ओवरलोड परिवहन के कारण राजस्व विभाग को भी भारी नुकसान हो रहा है। जबकि खनन से संबंधित कर और शुल्क सरकार को चुकाए जाने चाहिए, खनन माफियाओं के इस अवैध नेटवर्क से सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है इसके साथ ही अधिकारियों से अपेक्षा है कि वे अपने दफ्तरों में बैठने के बजाय मौके पर जाकर इस अवैध गतिविधि को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाएं।
बांदा में अवैध खनन का यह मामला पर्यावरण की दृष्टि से बेहद गंभीर है और स्थानीय जनजीवन को भी प्रभावित कर रहा है। एनजीटी के नियमों के उल्लंघन और माफिया की बेखौफ गतिविधियों के बावजूद अधिकारियों की निष्क्रियता सवालों के घेरे में है। अगर जल्द ही इस मामले में सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो इससे न सिर्फ बांदा जिले बल्कि पूरे क्षेत्र का पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हो सकता है।
अनवर रज़ा