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Banda News: सिंचाई विभाग रो रहा पानी का रोना, जल संरक्षण को लेकर अधिकारी ठोंक रहे अपनी पीठ
Banda News: विकास भवन मेें CDO मौर्य ने जल संरक्षण कार्यों की समीक्षा की। भूमि संरक्षण अधिकारी, कृषि अधिकारी, उद्यान एवं भूगर्भ जल आदि अधिकारियों ने नव निर्मित तालाबों, चेकडैम और मेडबंदी समेत खेत-तालाबों का ब्यौरा पेश किया।
Banda News. सिंचाई विभाग भले ही जलाशयों में पानी की कमी का खुलासा कर किसानों से किस्म किस्म की मनुहार को मजबूर हो, लेकिन जिले के अधिकारी जल संरक्षण को लेकर अपनी पीठ ठोंकने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। शुक्रवार को विकास भवन में आयोजित जल संरक्षण बैठक के दौरान अधिकारियों ने तालाबों, चेकडैम और मेड़बन्दी आदि कामों की बौछार कर दी। सब कुछ चकाचक बताया गया। CDO वेद प्रकाश मौर्य गदगद दिखे। पद्मश्री उमाशंकर पांडेय ने एक बार फिर खेत में मेड़, मेड़ में पेड़ का मंत्र व्यक्त किया।
18 तालाबों में जल संचयन से 1.35 मीटर भू-जल वृद्धि का दावा
विकास भवन मेें CDO मौर्य ने जल संरक्षण कार्यों की समीक्षा की। भूमि संरक्षण अधिकारी, कृषि अधिकारी, उद्यान एवं भूगर्भ जल आदि अधिकारियों ने नव निर्मित तालाबों, चेकडैम और मेडबंदी समेत खेत-तालाबों का ब्यौरा पेश किया। बताया गया, अटल भूजल योजना अंतर्गत 3 विकास खंडों में 11 तालाब बनाए गए हैं। 18 तालाबों का निर्माण वर्षा जल संचयन को किया गया है। वर्षा जल संचयन के लिए 95 ग्राम पंचायतों में रैनवाटर हार्वेेस्टिंग सिस्टम भी लगाए गए हैं। अतर्रा, घनसौर, महुआ आदि स्थानों में 6 आरटीजन वेल बनाए गए हैं। 1.35 मीटर भू-गर्भ जल वृद्धि हुई है।
सभागार से बाहर निकले एक नुमाइंदे बोले, बैठकों का मौसम गुलाबी है
क्या संयोग था कि जल संरक्षण के यह तमाम काम तब गिनाए जा रहे थे, जब सिंचाई विभाग जलाशयों में पानी की समस्या का रोना रो रहा था। किसानों से कम पानी की फसलें बोने की अपील कर रहा था। नहरों का पानी बर्बाद न होने देने के लिए आगाह कर रहा था। बैठक में शामिल एक नुमाइंदे ने अदम गोंडवी के हवाले से तंज किया- बांदा में बैठकों का मौसम गुलाबी है।