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Banda News: चुनाव से पहले तेज हुआ पलायन, मनरेगा में मजदूरी से ज्यादा सामग्री में खर्च ने बिगाड़े हालात

Banda News Today: बुंदेलखंड के गांवों में क्यों सन्नाटा है, इसे महोबा जिले के जैतपुर ब्लाक क्षेत्र में Newstrack की जमीनी पड़ताल से समझा जा सकता है।

Om Tiwari
Report Om Tiwari
Published on: 11 March 2024 6:53 PM IST
Banda News: चुनाव से पहले तेज हुआ पलायन, मनरेगा में मजदूरी से ज्यादा सामग्री में खर्च ने बिगाड़े हालात
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Banda News: राजनैतिक दल लोकसभा चुनाव लड़ने में लगे हैं। शासन-प्रशासन का ध्यान भी सकुशल चुनाव कराने में ज्यादा है। लेकिन इधर किसी का ध्यान नहीं है कि ऐन चुनाव से पहले लोग पलायन को मजबूर हैं। घोटालों का शिकार मनरेगा में सामग्री और श्रमांश मानकों को ताक पर रखना पलायन का सबब बना है।

गरीबों के रोजगार की बजाय अफसरों की कमाऊ योजना बनी मनरेगा

बुंदेलखंड के गांवों में क्यों सन्नाटा है, इसे महोबा जिले के जैतपुर ब्लाक क्षेत्र में Newstrack की जमीनी पड़ताल से समझा जा सकता है। ब्लाक की ज्यादातर ग्राम पंचायतों में मनरेगा गरीबों के रोजगार की बजाय, अफसरों की कमाऊ योजना बन गई है। मजदूरी पर 60 और सामग्री में 40 फीसदी खर्च के प्रावधान को नजर अंदाज कर अफसरों ने प्रभावशाली प्रधानों के ग्रामों में सामग्री पर 80 फीसदी से भी ज्यादा धन खर्च किया है। ईट, बालू, सीमेंट, सरिया आदि निर्माण सामग्री में मोटे कमीशन के बदले नियमों को ताक पर रख दिया गया है।


शासन से लताड़े जाने के बावजूद नहीं सुधरे महोबा जिले के अफसर

सवाल है, जैतपुर ब्लाक अंतर्गत मनरेगा में नियमानुसार मजदूरी पर खर्च क्यों नहीं किया गया? कोई कुछ भी नहीं बताता। इसे लेकर महोबा के अफसरों को शासन से लताड़ भी मिली है। लेकिन मनमानी जारी है। ब्लाक के चमरुआ गांव में 82.87, बगवाहा में 81.34, बम्हौरी खुर्द में 72.42, जैतपुर में 69.99, भदरवारा में 66.81, आरी में 55.57, थटेवरा में 52.31, बिहार में 50.77, जैलवारा में 49.77 और बुधौरा गांव में 47.61 प्रतिशत धनराशि सामग्री पर खर्च की गई है।


om स्थानीय स्तर पर रोजगार न मिलने से पलायन के चलते गांवों में सन्नाटा

यही कारण है कि स्थानीय स्तर पर रोजगार न मिलने से गांव के गांव खाली पड़े हैं। ज्यादातर मजदूर रोजगार की तलाश में दिल्ली व अन्य शहरों में पलायन कर गए हैं। नगरिया ग्राम के रूपसिंह, ज्वाला, दिनेश आदि ने दिल्ली जाते हुए बताया, 'जॉब कार्ड हैं, लेकिन एक भी दिन मनरेगा में काम नहीं मिला।' मवईया, गंज बिहार, छतरवारा, रागौलिया और बगवाहा समेत गांव दर गांव मजदूरों के घरों में ताले लगे हैं।

रोक के बाद भी भुगतान पर सवाल, सब कुछ अफसरों के निर्देश पर होने का दावा

मनरेगा से जुड़ी जिन परियोजनाओं की शिकायती जांच से भुगतान पर रोक थी, उन परियोजनाओं में आपूर्ति की गई सामग्री का भुगतान करना समझ से परे है। जैतपुर ब्लाक में अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा सरमन यादव कहते हैं, सब कुछ नियमानुसार और जिले के अधिकारियों के निर्देश पर किया गया है। मनरेगा में सात माह से भुगतान न होने के लिए केंद्र सरकार जिम्मेवार है। बजट नहीं आएगा तो मजदूर पलायन ही करेगा।

BDO बोले, मानकों के उल्लंघन का कारण पता कर करेंगे जरूरी कार्यवाही

जैतपुर BDO मूलचंद्र ने पूरे मामले पर कहा, मनरेगा का सारा काम अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी (APO) देखते हैं। फिर भी वह मजदूरी और सामग्री मानकों के उलंघन कारकों का पता लगाएंगे। उन्हें आए तीन माह ही हुए हैं। सभी कमियां दुरुस्त कर जरूरी कार्यवाही की जाएगी।



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Admin 2

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