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Banda News: ऊंट के हत्यारे सांड को दबोचने आगरा से बुलानी पड़ी विशेष टीम
Banda News: फसलों की पहरेदारी में लगे ऊंट को मारकर दो किसानों को जख्मी करने वाले सांड को दबोचने के लिए आगरा से विशेष टीम बुलाई गई।
Banda News: फसलों की पहरेदारी में लगे ऊंट को मारकर दो किसानों को जख्मी करने वाले सांड को दबोचने के लिए आगरा से विशेष टीम बुलाई गई। हत्यारे सांड को काबू कर पैलानी की खपटिहाकला गौशाला में कैद किए जाने से किसानों ने राहत महसूस की है। लेकिन अन्ना पशु समस्या को लेकर उनकी चिंताएं अभी भी बरकरार हैं। प्रशासन ने हिंसक पशुओं को दबोचने के लिए गौशाला फंड से जरूरी उपकरण खरीदने का भरोसा देकर किसानों की मूल चिंता को सिरे से नजरअंदाज कर दिया है।
फसलों की रखवाली के दौरान सांड ने बोला हमला
अन्य इलाकों की तरह बांदा के पैलानी थाने का पिपरहरी गांव भी अन्ना पशुओं की मार से बेहाल है। लहलहाती फसलें बचाने में मुश्किलें पेश आती हैं। लेकिन पिछले दिनों मरकहा सांड की आमद ने हालात विकट बना दिए। सांड किसानों को दौड़ाता और फसल चट करता। सांड से निपटने के लिए किसान अमलोर गांव से किराए में ऊंट ले आए। ऊंट को पहरेदार बनाया और उसके जरिए फसलों की रखवाली शुरू कर दी। लेकिन यह दांव उल्टा पड़ा। आवारा सांड करीब आया और ललकारने पर सांड ने सीधे ऊंट पर हमला बोल दिया। पैने सींग ऊंट के सीने में घुसेड़ दिए। लहूलुहान ऊंट गिरकर तड़पने लगा और दम तोड़ दिया। इस बीच सांड ने मौके पर मौजूद किसानों को भी दौड़ाया। दो लोग जख्मी हुए हैं। जयप्रकाश को सींग से उछाल कर चुटहिल कर दिया। नन्हे परिहार का हाथ टूटना बताया गया है।
DM दुर्गाशक्ति नागपाल ने खूरेंजी सांड को पहुंचाया गौशाला
घटना के बाद पिपरहरी व आसपास के गांवों में सांड के कारनामे से दहशत का माहौल था। सांड के छुट्टा होने से लोग आने जाने से कतरा रहे थे। जिलाधिकारी IAS दुर्गाशक्ति नागपाल ने स्थिति का बखूबी संज्ञान लिया। उन्होंने अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार और प्रभागीय वनाधिकारी व मुख्य पशु चिकित्साधिकारी की संयुक्त टीम गठित की और सांड को बंद कराने के निर्देश दिए। टीम फौरन एक्शन में आई। आगरा से वन्य जीव पकड़ने में दक्ष टीम बुलाई गई। टीम मामूली खोजबीन के बाद सांड के करीब पहुंची और उस पर काबू पाने में सफल रही।
प्रशासन ने नजरअंदाज की किसानों की मूल समस्या
सांड को पैलानी तहसील की खपटिहाकला गौशाला में कैद कर प्रशासन ने किसानों को ऐसे हिंसक पशु समय रहते पकड़ने के लिए उपकरण खरीद का आश्वासन दिया है। लेकिन अन्ना पशु समस्या को सिरे से नजरअंदाज कर दिया है। जबकि सांड के पकड़े जाने से राहत के बावजूद पिपरहरी के किसान अन्ना पशु समस्या की चिंता में डूबे हैं।
फसलों के साथ अब जान बचाने की भी चुनौती
किसानों का कहना है कि खेतों की रखवाली करना लोहे के चने चबाने से कम नहीं है। खेतों में लहलहाती गेहूं, चना, मसूर आदि फसलों पर आवारा पशु धावा बोलते हैं। लगभग 500 गायों का झुंड सैकडों बीघे की फसलें सफाचट कर चुका है। अब जंगली सांड एवं गायें किसान की जान के दुश्मन बन गए हैं। संजय चंदेल, बबलू द्विवेदी, राम अवतार कछवाह, बहादुर सिंह और रमेश सिंह आदि किसानों ने बताया- विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। अब तक सैकड़ो बीघे की फसलें नष्ट भ्रष्ट हो चुकी हैं। परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। दिन और रात फसल रखवाली में कटते हैं। फिर भी फसल नहीं बच रही। ग्राम प्रधान सुरेंद्र सिंह ने कहा- किसानों के लिए फसलों के साथ जान बचाना भी चुनौती बन गया है।