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Banda News: सुदामा चरित्र सुन भाव विभोर हुए श्रोता, निश्छल मित्रता का किया गया वर्णन

Banda News: महाराज ने बताया श्रीमद् भागवत कथा का सात दिनों तक श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है, वहीं इस कथा को कराने वाले भी पुण्य के भागी होते हैं।

Anwar Raza
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Published on: 25 Jan 2025 4:49 PM IST (Updated on: 25 Jan 2025 4:49 PM IST)
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 कथा वाचक आचार्य कमल नयन शरण जी महाराज ने सुदामा चरित्र का किया वर्णन (Photo- Social Media)

Banda News: भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के विश्राम दिवस श्रीमद् भागवत का रसपान करने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। श्री धाम वृंदावन से पधारे कथा वाचक आचार्य कमल नयन शरण जी महाराज ने भागवत कथा के अंतिम दिन कई प्रसंगों का विस्तार से वर्णन किया। इसमें ऊषा चरित्र, नृग चरित्र, वासुदेव नारद संवाद, सुदामा प्रसंग, परीक्षित मोक्ष की कथा का बड़े ही रोचक अंदाज में वर्णन किया।

कथा के दौरान आचार्य जी ने श्रोताओं को भागवत को अपने जीवन में उतारने की अपील की। साथ ही सुदामा चरित्र के माध्यम से श्रोताओं को श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता की मिसाल पेश की। समाज को समानता का संदेश दिया। इस कड़ी में महाराज ने बताया श्रीमद् भागवत कथा का सात दिनों तक श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है, वहीं इस कथा को कराने वाले भी पुण्य के भागी होते हैं। अंतिम दिन सुखदेव द्वारा राजा परीक्षित को सुनाई गई श्रीमद् भागवत भागवत कथा का पूर्णता प्रदान करते हुए विभिन्न प्रसंगों का वर्णन किया।


श्रीकृष्ण सुदामा की निश्छल मित्रता का किया वर्णन

उन्होंने सात दिन की कथा का सारांश बताते हुए कहा कि जीवन कई योनियों के बाद मिलता है और इसे कैसे जीना चाहिए के बारे में भी उपस्थित भक्तों को समझाया। सुदामा चरित्र को विस्तार से सुनाते हुए श्रीकृष्ण सुदामा की निश्छल मित्रता का वर्णन करते हुए बताया कि कैसे बिना याचना के कृष्ण ने गरीब सुदामा की स्थिति को सुधारा। आचार्य ने गो सेवा कार्य करने पर जोर दिया। सुदामा की मनमोहक झांकियो का चित्रण किया गया जिसे देखकर हर कोई भाव विभोर हो उठा। अंत में कृष्ण के दिव्य लोक पहुंचने का वर्णन किया। महाआरती के बाद भोग वितरण किया गया।

कार्यक्रम में उपस्थित रहे

आचार्य पं प्रदीप पाण्डेय द्वारा पूजन पाठ, भजन गायक लवलेश द्विवेदी, तबला वादक रंजीत कुमार, पैड पर राहुल द्विवेदी आदि कलाकारों द्वारा अपनी मनमोहक प्रस्तुति दी गई। शिवमंगल यादव, बोड़ीलाल यादव शिवपूजन यादव , श्याम बिहारी यादव, बबलू यादव, कुलदीप त्रिपाठी (पत्रकार) रणधीर यादव (फौजी साहब) आदि के साथ सभी ग्राम वासी एवं क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।



Shashi kant gautam

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