Banda News: सांड पकड़ने के लिए आगरा से आई टीम, ऊंट की ली थी जान

Banda News: सांड पर काबू के लिए आगरा से आई टीम ने गन ट्रैंक्विलाइज़र का प्रयोग किया। बेहोश सांड को बांधकर कैटल कैचर से खपटिहाकला गौशाला लाया गया।

Om Tiwari
Report Om Tiwari
Published on: 6 Feb 2024 2:14 PM GMT (Updated on: 6 Feb 2024 3:48 PM GMT)
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Banda News (Pic:Newstrack)

Banda News: खेतों की मेड़ें और पगडंडियां नापकर हत्यारे सांड को पकड़ने पहुंची वन्यजीव विभाग की टीम को कमोवेश बाघ पकड़ने जैसी मशक्कत करनी पड़ी। सांड पर काबू के लिए आगरा से आई टीम ने गन ट्रैंक्विलाइज़र का प्रयोग किया। बेहोश सांड को बांधकर कैटल कैचर से खपटिहाकला गौशाला लाया गया। अगले दिन ऊंट की हत्या और किसानों को जख्मी करने के जुर्म में सजा के लिए सांड को एक बार फिर ट्रैंक्विलाइज़र कर उसके अचूक अस्त्र को निष्क्रिय किया गया। पैने सींगों की नोकें उड़ाने के बाद सांड को तन्हाई में रखा गया है। एकांत पेड़ से बांधे गए हत्यारे सांड की निगरानी के लिए आधा दर्जन पशुपालक तैनात हैं।

स्थानीय प्रयास विफल होने के बाद बुलानी पड़ी आगरा से टीम

पशु समस्या से जूझ रहे पैलानी थाना क्षेत्र के पिपरहरी गांव में फसलों की पहरेदारी में लगाए गए ऊंट को मारकर किसानों को घायल करने वाले सांड को पकड़ने के स्थानीय प्रयास विफल रहे थे। ग्राम प्रधान सूरेन्द्र सिंह की सूचना पर एडीएम राजेश कुमार, SDM शशिभूषण मिश्र और तहसीलदार विकास पांडेय वन विभाग के अमले के साथ गांव पहुंचे थे। लेकिन सांड को पकड़ने की कोई भी उपाय काम नहीं आई।

सांड पर काबू के लिए करनी पड़ी बाघ पकड़ने जैसी मशक्कत

इस बीच बांदा DM दुर्गाशक्ति नागपाल ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर सांड पकड़ने के लिए वन्यजीव विभाग की टीम बुलाने के निर्देश दिए। ग्रामीणों के मुताबिक- आगरा से आई वन्यजीव विभाग की टीम खेतों की मेड़ें और पगडंडियां नापकर सांड़ के करीब पहुंची। लेकिन सांड का हमलावर रुख देख टीम के भी पसीने छूट गए। फिर बाघ पकड़ने जैसी मशक्कत करनी पड़ी। ट्रैंक्विलाइज़र के उपयोग के सिवाय कोई चारा नहीं रहा।

गौशाला लाकर दी गई सजा

ऊंट की हत्या कर किसानों को जख्मी करने जैसी करतूत की पुनरावृति की संभावना को सिरे से निर्मूल बनाने के लिए सांड को अस्त्र विहीन करना तय हुआ। सांड को एक बार फिर ट्रैंक्विलाइज़र कर उसके दोनों नुकीले सींग तीन-तीन इंच उड़ा दिए गए। पशुपालन विभाग के लोगों का कहना है- सींग काटने के बाद सांड किसी अनहोनी को अंजाम देने में सक्षम नहीं रहा।

तमतमाए सांड ने तोड़ दी नाथ

ऊंट का हत्यारा सांड अपने प्रमुख अस्त्र सींग को निष्क्रिय और चेहरा बिगाड़ने की सजा से खासा तमतमाया प्रतीत होता है। शायद यही वजह है कि पेड़ से बंधे और रस्सों में जकड़े होने के बावजूद सांड ने वह नाथ तोड़ डाली जो नियंत्रण के लिए लगाई गई थी। उसके तेवरों ने सभी को सशंकित किया हुआ है।

चखी सिर्फ चूनी

स्वच्छंद विचरण करने वाले हिंसक सांड ने शायद सजा और अपनी दयनीय दशा के विरोध में फिलहाल चारा-पानी त्याग रखा है। सांड की मारक हरकत को ध्यान में रखकर उसे ट्रैक्टर ट्राली से चारा-पानी परोसा जाता है। लेकिन खाने-पीने के लिए उसने मुंह भी नहीं मारा। गौशाला की देखरेख कर रहे लोगों ने बताया कि हाल-फिलहाल सांड ने थोड़ी चूनी ही चखी है। पानी छुआ है। लेकिन ठीक से कुछ भी खाया-पिया नहीं है।

गौवंश की सुरक्षा को लेकर सतर्कता

खपटिहाकला गौशाला में मौजूद गौवंश की सुरक्षा को लेकर भी सतर्कता बरती जा रही है। गौशाला संचालक अनिल कुमार शर्मा के मुताबिक- तीन सांड पहले से बंद हैं। हत्यारे सांड की आमद के साथ बंद सांडों की तादाद चार हो गई है। हत्यारा सांड बंधा है। रस्सियों से जकड़ा है। फिर भी उसके मिजाज के मद्देनजर जरूरी सतर्कता भी बरती जा रही है।

निगरानी में आधा दर्जन पशुपालकों की तैनाती

सतर्कता का आलम यह है कि हत्यारे सांड की निगरानी में छह पशुपालकों को तैनात किया गया है। गौशाला संचालक शर्मा के मुताबिक- रामचंद्र, रामबाबू, कमल और महेश आदि बारी-बारी से सांड की निगरानी कर रहे हैं।

Durgesh Sharma

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