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Banda News: मौसमी आपदा से बिलबिलाए अन्नदाता, गेहूं की फसल को नुक़सान, तमाम किसानों पर दोहरी मार

Banda News: बांदा जिले में किसान रबी सीजन दलहनी -तिलहनी फसलों के साथ बड़ी मात्रा में गेहूं भी बोते हैं। इस साल सभी फसलें अच्छी उम्मीदें जगाए रहीं।

Om Tiwari
Published on: 13 April 2025 1:26 PM
Banda News: मौसमी आपदा से बिलबिलाए अन्नदाता, गेहूं की फसल को नुक़सान, तमाम किसानों पर दोहरी मार
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Banda News: कटाई-मड़ाई को प्रस्तुत गेहूं की फ़सल पर शनिवार रात आंधी-पानी से करारी मार पड़ी है। खून-पसीने की कमाई पर 'मौसमी आपदा' से अन्नदाता बिलबिला उठे हैं। आंधी से कटी पड़ी फ़सल उड़कर एक-दूसरे के खेतो में पहुंच गई है। थ्रेसिंग कराने वाले तमाम लोगों का भूसा उड़ने से उन पर दोहरी मार पड़ी है।‌ जबकि बारिश ने जले में नमक छिड़का है। फ़सल भीगने से कुछ समय के लिए मड़ाई की प्रक्रिया रोकना मजबूरी होगी।

शनिवार रात जोरदार आंधी और पानी ने तमाम अन्नदाताओं की जगमगाती उम्मीदों पर गिराई बिजली

बांदा जिले में किसान रबी सीजन दलहनी -तिलहनी फसलों के साथ बड़ी मात्रा में गेहूं भी बोते हैं। इस साल सभी फसलें अच्छी उम्मीदें जगाए रहीं। दलहन तिलहन की कटाई मड़ाई लगभग पूरी हो गई है। लेकिन गेहूं की फ़सल अभी खेतों पर ही है। हालांकि आए दिन मौसम के बदलते मिजाज के मद्देनजर किसानों पूरी ताकत कटाई मड़ाई में झोंकी हुई है। बावजूद इसके ज्यादातर फ़सल की थ्रेसिंग नहीं हो पाई। इस बीच शनिवार की रात मौसम ने पैंतरा बदला। जोरदार आंधी के साथ बारिश ने अन्नदाताओं की उम्मीदों पर बिजली गिरा दी है।

किसान बोले- आंधी-पानी से दोहरी मार, कटी फसल उड़ी और मड़ाई से एकत्र गेहूं और भूसा भी उड़ा

बड़ेहा गांव के किसान राजेंद्र तिवारी का कहना है, आंधी बारिश से दोहरा नुकसान हुआ है। आंधी से कटी पड़ी फसल उड़कर जहां एक दूसरे के खेतों में जा लगी में है, वहीं मड़ाई वाली फसल का भूसा भी उड़ गया है। फसल भीगने से कुछेक दिन मड़ाई ठप रखने की मजबूरी आन पड़ी है। त्रिवेणी गांव के किसान कौशल किशोर ने बताया, अभी गेहूं की फ़सल कटाई मड़ाई के लिए शेष है। आंधी बारिश से खासा नुकसान पहुंचा है।

कृषि अधिकारी ने कहा- एक लाख 48 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बुआई, नुकसान का अनुमान सर्व के बाद

जिला कृषि अधिकारी मनोज कुमार गौतम कहते हैं, दलहनी तिलहनी फसलों की कटाई मड़ाई का काम तकरीबन पूरा हो गया है। गेहूं की कटाई मड़ाई चल रही है। आंधी और बारिश से नुकसान के बाबत सर्वे के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। गौतम ने बताया, इस साल किसानों ने एक लाख 48 हजार हेक्टेयर में गेहूं बोया है।

आम के पेड़ों से असमय टपकने को मजबूर हुईं 'अमिया', महुआ के फूल और फल को भी काफी नुकसान

आंधी से गेहूं की फ़सल के अलावा आम व महुआ को भी खासा नुकसान हुआ है। लोगों ने बताया, तेज आंधी से पेड़ो में लगी अमिया को असमय नीचे टपकने के लिए अभिशप्त होना पड़ा है। जिले के कई हिस्सों में देशी आम की पैदावार होती है।महुआ के फूल व फलों को भी आंधी की मार से नुकसान बताया जा रहा है।

Shalini singh

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