कानपुर के इस शिव मंदिर में आज भी है रहस्य बरकरार,कौन करता है पहले पूजा

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Published on: 4 Aug 2016 6:04 AM GMT
कानपुर के इस शिव मंदिर में आज भी है रहस्य बरकरार,कौन करता है पहले पूजा
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कानपुर: शहर से दूर बनीपारा गांव में बाणेश्वर शिव मंदिर है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता था कि सतयुग में राजा बाणेश्वर की बेटी यहां सबसे पहले पूजा करती है और तब से अब तक इस शिवलिंग पर सबसे पहले सुबह यहां कौन पूजा करता है इसका रहस्य आजतक बरकरार है। आस-पास के लोगों का कहना है कि हजारों साल से मंदिर में सुबह में शिवलिंग पूजा हुआ मिलता है। यहां के लोगों की आस्था है कि सावन के चार सोमवार उपवास रखने के बाद यहां जल चढ़ाने मात्र से लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती है ।

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कुछ ऐसी ही मान्यता कावड़ियों के साथ है। कहा जाता है कि कावड़ियों की पूजा इस मंदिर में गंगा जल को चढ़ाएं बिना पूरी नहीं होती है । मुगल शासकों ने इसे नष्ट करने की कोशिश की पर सफल नहीं हो सके।

मंदिर की मान्यता

इस मंदिर के पंडित किशन बाबू के अनुसार मंदिर के संबंध में कथा है कि सतयुग में राजा बाणेश्वर थे वो सतयुग से द्वापरयुग तक राजा रहे है l बाणेश्वर ने भगवान शिव की घोर तपस्या की थी। भगवान शिव ने बाणेश्वर को दर्शन दिए और इच्छा वरदान के लिए कहा तो बाणेश्वर ने भगवान शिव को मांगा।

तब भगवान शिव ने प्रारूप के रुप में शिवलिंग दिया, लेकिन शर्त रखी कि अगर शिवलिंग को महल में जाने के क्रम में जमीन रख दिया तो दोबारा नहीं उठ पाएगा। लेकिन कुछ कारणवश बाणेश्वर को शिवलिंग जमीन पर रखना पड़ जाता है तब उसी स्थान पर शिवलिंग की स्थापना कर मंदिर का निर्माण कराया था ।

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इस मंदिर की खास बात ये है कि सावन में कावंड़ियों की पूजा तब तक सफल नहीं होती है जब तक वे इस शिवलिंग में गंगा जल न चढ़ाया जाए l इस कारण इस मंदिर में कावड़ियों का जमावड़ा लगता है l नागपंचमी वाले दिन यहां पर कुश्ती का भी आयोजन होता है जिसमे कई जनपदों के पहलवान हिस्सा लेते है l

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