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Muzaffarnagar News: जल नहीं दे पा रहा जीवन, प्रदूषण के साए में सिसक रही बाण गंगा नदी
Muzaffarnagar News: उत्तराखंड की फैक्ट्रियों से आने वाले दूषित पानी के चलते मुजफ्फरनगर जनपद में स्थित शुक्रतीर्थ नगरी से होकर जा रही बाणगंगा के पानी पर इन दिनों प्रदूषण का साया मंडरा रहा है। जिसके चलते इस नदी का पानी काला पड़ गया है।
Muzzfarnagar News: उत्तराखंड की फैक्ट्रियों से आने वाले दूषित पानी के चलते मुजफ्फरनगर जनपद में स्थित शुक्रतीर्थ नगरी से होकर जा रही बाणगंगा के पानी पर इन दिनों प्रदूषण का साया मंडरा रहा है। जिसके चलते इस नदी का पानी काला पड़ गया है। जिसमें ना तो अब श्रद्धालु स्नान ही कर सकते हैं और ना ही कोई जलीय जंतु इसमें रह सकता है। यानी ये नदी अब जीवन नहीं दे पा रही है। नदी की बदहाली को लेकर आज यहां के साधु-संतों ने नदी के पानी में उतर कर विरोध प्रदर्शन किया। जिसकी सूचना पर जिला पंचायत अध्यक्ष मौके पर पहुंचे और साधु-संतों को इस समस्या से जल्द ही निजाद दिलाने का आश्वासन दिया।
महाभारत कालीन तीर्थ स्थल शुक्रतीर्थ नगरी में बाणगंगा नदी का ऐतिहासिक महत्व है। लेकिन उत्तराखंड की फैक्ट्रियों से निकलने वाला दूषित पानी यहां बाण गंगा के जल को दूषित कर रहा है। हालात यह है कि इस नदी का पानी अब काला हो चला है, जिसके चलते श्रद्धालु इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। इससे नाराज होकर आज यहां के स्थानीय साधु-संतों ने नदी के पानी में उतर कर प्रदर्शन किया और सरकार से यह मांग करते हुए कहा कि यहां की नदी का पानी दूषित होने से बचाया जाए।
आपको बता दें कि नदी के दूषित पानी को लेकर प्रदूषण नियंत्रण विभाग की टीम ने भी शुक्रवार को सर्वेक्षण किया था। जिसमें बाणगंगा, सोलानी नदी और शुक्रताल घाट स्थित पानी के नमूने लिए गए थे। इस बारे में प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारी इमरान अली ने बताया कि ये 9 तारीख की शाम को शिकायत प्राप्त हुई थी कि बाण गंगा के माध्यम से शुक्रताल घाट पर प्रदूषित पानी आ रहा है, उसकी वजह से वहां पर दिक्क़त हो रही है। इसमें 10 तारीख को हमारी टीम द्वारा सर्वेक्षण किया गया है। जिसमें बाढ़ गंगा, सोनाली और शुक्रताल घाट के नमूने लिए गए है।
जनपद मुज़फ्फरनगर से सोनाली या बाणगंगा नदी में कोई भी उद्योगिक प्रवाह का निस्तारण नहीं किया जाता है। ये उत्तराखण्ड क्षेत्र से आता है और इसमें लक्षर में कुछ उद्योग हैं, अगर वहां से पानी आएगा तो इस नदी में ही आएगा। पानी के सैंपल की रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उधर, स्थानीय संत देवेंद्र पाराशर के मुताबिक साधु-संत काफी परेशान हैं। दूषित जल को देखते हुए आज चार-पांच दिन हो गया उन्हें स्नान नहीं मिल रहा। जल को दूषित देखते और मछलियों को मरते देखते हुए लोगों की आंखों में आंसू आ जाता है पर प्रशासन सुध नहीं लेता। जीव जंतु ना मरें यही हमारी प्रार्थना और सरकार से गुजारिश है।