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विक्रम कोठारी के 11 खाते सीज, कुल 27 बैंकों का कर्जदार होने का खुलासा

बैंक लोन ना चुकाने के मामले में मंगलवार को भी सीबीआई ने सुबह से विक्रम कोठारी के बंगले पर डेरा डाले रखा। कार्यवाई को आगे बढ़ाते हुए सीबीआई की टीम विक्रम कोठारी की बहु अर्चना और बेटे राहुल को माल रोड स्थित कोटक महेंद्र बैंक ले गए। वहां टीम ने उनके खाते

tiwarishalini
Published on: 20 Feb 2018 4:44 PM IST
विक्रम कोठारी के 11 खाते सीज, कुल 27 बैंकों का कर्जदार होने का खुलासा
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कानपुर: बैंक लोन ना चुकाने के मामले में मंगलवार को भी सीबीआई ने सुबह से विक्रम कोठारी के बंगले पर डेरा डाले रखा। कार्यवाई को आगे बढ़ाते हुए सीबीआई की टीम विक्रम कोठारी की बहु अर्चना और बेटे राहुल को माल रोड स्थित कोटक महेंद्र बैंक ले गए। वहां टीम ने उनके खाते और बैंक लाकर की जांच की l लगभग डेढ़ घंटे रुकने के बाद सीबीआई उन्हें कड़ी सुरक्षा में वापस बंगले में लेकर आई l इसके साथ ही ईडी ने विक्रम कोठारी के 11 बैंक खातो को सीज कर दिया है l

- जैसे ही सीबीआई की टीम विक्रम कोठारी के बेटे को लेकर कोटक महेन्द्रा बैंक पहुंची, बैंक कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।

- सीबीआई के अधिकारियों ने किसी भी कर्मचारी को बैंक केअंदर से बाहर जाने पर पाबंदी लगा दी।

- इसके बाद जितने भी देर सीबीआई रही, किसी को भी बैंक के अंदर एंट्री नहीं मिली।

- सीबीआई और ईडी के अधिकारियो ने बैंक के अधिकारियों से उनके खातों से सम्बंधित जानकारियां जुटाई l

कोटक महेंद्रा बैंक के अधिकारियों के मुताबिक रोटोमैक के खातों को सीज कर दिया है। इस सम्बन्ध पर उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा हम बाते शेयर नही कर सकते है। बैंक के अधिकारियों में खलबली मची हुई है। जब सीबीआई की टीम वापस चली गई तब जाकर सभी ने चैन की सांस ली l

ईडी ने सीबीआई की एफआईआर को आधार बनाते हुए केस दर्ज कर लिया है। विक्रम कोठारी की संपत्तियों का पता लगाकर आकलन का काम शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही कोठारी के दिल्ली स्थित आवास को सील करने की बात सामने आ रही है। अभी तक विक्रम कोठारी के कुल 27 बैंकों का कर्जदार होने की जानकारी सामने आई है।

सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल के अनुसार, बैंक ऑफ बड़ौदा ने रोटोमैक ग्लोबल के निदेशक पर काफी फर्जी दस्तावेजों के सहारे 616.69 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाया है। इस साजिश में बैंक के भी अधिकारियों की मिलीभगत हो सकती है। उन्होंने बताया कि विक्रम कोठारी ने दो तरीके से बैंकों को चूना लगाया था। पहला, उसने विदेश से आयात के लिए बैंकों से एडवांस में लोन लिया। जबकि कंपनी विदेश से असलियत में कुछ आयात करती ही नहीं थी। इसके बाद में यह पैसा रोटोमैक कंपनी में वापस आ जाता था।

दूसरी तरफ निर्यात का ऑर्डर दिखाकर बैंकों से लोन लिया जाता था, लेकिन निर्यात करने के बजाय कंपनी पैसे को दूसरी कंपनियों में ट्रांसफर कर देती थी। यह सिलसिला पिछले 10 सालों से जारी था।

शुरुआती अनुमान लगभग 800 करोड़ रुपये के घोटाले का था, लेकिन सीबीआई जब कोठारी के कानपुर स्थित ठिकानों पर छापा मारने पहुंची, तो पता चला कि वे बैंक ऑफ बड़ौदा समेत सात बैंकों से कुल 2,919 करोड़ रुपये ले चुके हैं। ब्याज समेत यह रकम बढ़कर अब 3,695 करोड़ रुपये हो गई है।

इतने बड़े घोटाले की भनक लगते ही ईडी भी सक्रिय हो गया और मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर छापे में सीबीआई के साथ शामिल हो गया।

सूत्रों के मुताबिक विक्रम कोठारी बैंकों से लोन लेकर रियल एस्टेट के सेक्टर में निवेश किया। जिसमें शहर के बड़े घराने साझेदार हैं। विक्रम की गिरफ्तारी होने के बाद से उनके साझीदारों में खलबली मची है। बताया जा रहा है कि कानपुर के कई रियल एस्टेट के प्रोजेक्ट में विक्रम कोठारी का पैसा लगा हुआ है।

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tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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