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एक बार फिर सामने आई कैश की किल्लत, खाली हुए बैंकों के करेंसी चेस्ट
नोटबंदी के समय बैंक व उपभोक्ता जिस नकदी संकट से गुजर रहे थे लगभग वही संकट दुबारा कड़ी हो गई है। बैंकों की ओर से लगातार मांग भेजे जाने के बावजूद विधानसभा चुनाव के बाद से ही भारतीय रिजर्व बैंक
गोरखपुर: नोटबंदी के समय बैंक व उपभोक्ता जिस नकदी संकट से गुजर रहे थे लगभग वही संकट दुबारा कड़ी हो गई है। बैंकों की ओर से लगातार मांग भेजे जाने के बावजूद विधानसभा चुनाव के बाद से ही भारतीय रिजर्व बैंक से नोट नहीं आए हैं। लिहाजा गोरखपुर बस्ती मंडल के बैंक के करेंसी चेस्ट खाली हो गए हैं। एटीएम बंद हो चुके हैं। अब शाखाओं से निकासी बंद होने की कगार पर है। कैश के लिए एक बार फिर हाहाकार मचा हुआ है। सबसे ज्यादा संकट भारतीय स्टेट बैंक व पंजाब नेशनल बैंक के सामने है क्योंकि इनकी शाखाए और एटीएम सबसे ज्यादा हैं।
क्या है पूरा मामला ?
- RBI से रुपए नहीं आने से बैंकों की गणित गड़बड़ हो गई है।
- रोजाना जमा होने वाले रुपए से काम चलने वाली बैंकों की इज़्ज़त दांव पर लग गई है।
- शादी विवाह के मौसम में यह संकट आम जनता पर बहुत भारी पड़ रहा है।
- किसान के काम भी अटके हुए है।
- इस मामले में चाहते हुए भी बैंक कुछ ना कर पाने की स्थिति में है।
- भारतीय स्टेट बैंक में कुल 22 करेंसी चेस्ट लगभग खाली हैं शाखाओं की क्षमता के अनुसार बैंक ने 3000 करोड़ रुपए की मांग भेजी है लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं मिला।
- बैंक ने अपने बनारस अंचल की चार करेंसी चेस्ट शाखाओं से गत शनिवार को 30 करोड़ रुपए मंगाएं जिसे सोमवार को बांटा गया हर जिले की चार,चार करोड रुपए दिए गए हैं।
- यह धनराशि एक जिले के लिए ऊंट के मुंह में जीरा जैसी है।
- यही हाल पंजाब नेशनल बैंक का है। रोज 10-10 करोड़ रुपए की डिमांड भेजी जा रही है और आरबीआई से फूटी कौड़ी भी नहीं मिल रही है।
- बैंक ऑफ बड़ौदा, इलाहाबाद बैंक, पूर्वांचल बैंक, केनरा बैंक , यूनियन बैंक संहित अन्य बैंकों में यह संकट उतना गहरा नहीं है लेकिन उनका प्रबंधन माह के पहले सप्ताह के वेतन व पेंशन को लेकर परेशान है। इस सप्ताह में संकट उभर कर सामने आ सकता है क्योंकि निकासी की तीव्रता बढ़ जाएगी।