Gram Panchayat of UP: यूपी के सभी ग्राम पंचायतों में बनेंगे बारात घर और अंन्तेष्टि स्थल, मसौदा तैयार

Gram Panchayat of UP: उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की पहल पर प्रदेश की सभी 58189 ग्राम पंचायतों में बारात घर (Barat Ghar) और अंत्येष्ठी स्थल बनाए का मसौदा तैयार किया गया है।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 11 Jun 2022 1:17 PM GMT
Gram Panchayat of UP: Baraat Ghar and funeral venue will be built in all Gram Panchayats of UP, draft ready
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उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य: Photo - Social Media

Gram Panchayat of UP: उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy CM Keshav Prasad Maurya) की पहल पर प्रदेश की सभी 58189 ग्राम पंचायतों में बारात घर (Barat Ghar) और अंत्येष्ठी स्थल बनाए का मसौदा तैयार किया गया है। इसका प्रस्ताव बनाकर जल्द ही वित्त विभाग को भेजा जाएगा। जानकारी के अनुसार एक बारात घर की लागत 30 लाख रुपये और अंत्येष्टि स्थल की लागत 24 लाख 36 हजार तय की गई है। इस तरह 58189 ग्राम पंचायतों में बारात घर बनाने में 17456.70 करोड़ रुपये और अंत्येष्टि स्थल बनाए जाने में 14174.84 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च होगी।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि बारात घर और अन्तेष्टि स्थल तक सुगमता से पहुंचने के लिए मार्ग बनाए जाने की भी व्यवस्था की जाएगी और वहां पर सामुदायिक शौचालय बनवाने जाने और प्रकाश की भी व्यवस्था जैसी अवस्थापना सुविधाओं का भी विकास किया जाएगा।

बारात घर और अंन्तेष्टि स्थल बनवाने की मांग की जाती है

ग्रामीण विकास मंत्री (Rural Development Minister) ने बताया कि जिलों और विभिन्न क्षेत्रों के उनके भ्रमण के दौरान आम जनता और जनप्रतिनिधियों द्वारा बारात घर और अंन्तेष्टि स्थल बनवाने की मांग की जाती है और इस तरह के सुझाव भी दिए जाते हैं।

केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जनमानस की परेशानियों के दृष्टिगत यह प्रस्ताव तैयार किया गया है और वर्तमान समय की ग्रामीण जनता की वास्तविक आवश्यकता भी है। क्योंकि पहले जिन घरों के सामने काफी जगह पड़ी रहती थी, वहां बारातों के ठहरने व ग्रामीण संस्कृति से जुड़े विभिन्न परम्परागत कार्यक्रम आसानी से होते रहते थे।

गांवों में बारात घरों का निर्माण आवश्यक

बढ़ती आबादी के चलते वहां पर आवासीय स्थल बन गये, परिणाम स्वरूप गांवों में अब खुले स्थानों की अपेक्षाकृत कमी हुयी है और आम लोगों विभिन्न आयोजनों के लिए कवर्ड एरिया भी बहुत ही कम है। प्राइमरी स्कूलों में भी बारातों आदि के ठहराने पर रोक भी लाजिमी है। क्योंकि इससे शिक्षा व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। ऐसे में गांवों में बारात घरों का निर्माण किया जाना आज की अनिवार्य आवश्यकता है और यह औचित्यपूर्ण भी है।

Shashi kant gautam

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