Barabanki: भ्रष्टाचार पर बड़ा प्रहार, कोऑपरेटिव बैंक का पूर्व चेयरमैन भेजा गया जेल

बाराबंकी जिले में यूपी कोऑपरेटिव बैंक बाराबंकी के पूर्व चेयरमैन और शिक्षक को भ्रष्टाचार के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है।

Sarfaraz Warsi
Published on: 31 Oct 2022 8:22 AM GMT
Barabanki News
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कोऑपरेटिव बैंक का पूर्व चेयरमैन भेजा गया जेल

Barabanki: योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) में सभी माफिया और भ्रष्टाचारी जेल की सलाखों के पीछे भेजे जा रहे हैं। इसी क्रम में बाराबंकी जिले में यूपी कोऑपरेटिव बैंक बाराबंकी (UP Cooperative Bank Barabanki) के पूर्व चेयरमैन और शिक्षक को भ्रष्टाचार के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है।

2007 से सीजेएम कोर्ट में चल रहा केस

पूर्व चेयरमैन के खिलाफ स्कूल भवन निर्माण में धांधली और सामान खरीदने के लिए आये धन के गबन के मामले में जालसाजी और धोखाधड़ी का केस दर्ज है। इसका केस 2007 से सीजेएम कोर्ट में चल रहा है। इसके बाद से पूर्व चेयरमैन को फरार घोषित किया गया था। कोर्ट की कई नोटिस के बाद भी पूर्व चेयरमैन हाजिर नहीं हो रहा था। जिसके बाद सीजेएम ने फरार आरोपी पूर्व चेयरमैन के खिलाफ एनबीडब्लू जारी किया था। जिसमें अब गिरफ्तारी हुई है। आरोपी पूर्व चेयरमैन विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ही भाजपा छोड़कर एक बार फिर सपा में शामिल हुए थे।

सरकारी धन के दुरुपयोग और गबन से जुड़ा है मामला

पूरा मामला सरकारी धन के दुरुपयोग और गबन से जुड़ा है। जिसमें अब बाराबंकी की नगर कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तारी की है। दरअसल बाराबंकी के सतरिख थाना में तीन अगस्त 2006 को तत्कालीन बीएसए राजेश कुमार वर्मा ने प्राथमिक विद्यालय पाराकुंवर के शिक्षक धीरेंद्र कुमार वर्मा के खिलाफ विद्यालय भवन निर्माण में धांधली, विद्यालय में सामान खरीद के लिए आए धन के गबन के मामले में जालसाजी, धोखाधड़ी आदि धाराओं में केस दर्ज कराया था। तत्कालीन विभागीय सहायक अभियंता ने पूर्व माध्यमिक विद्यालय सरायमिही के निर्माण की जांच रिपोर्ट बीएसए राजेश कुमार वर्मा को दी थी। धीरेंद्र कुमार वर्मा के द्वारा इस विधायलय के निर्माण में लाखों का घोटाला मिला था। भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर तत्कालीन बीएसए राजेश कुमार वर्मा ने आरोपी शिक्षक और निर्माण प्रभारी धीरेंद्र कुमार वर्मा को साल 2005 में निलंबित कर दिया था।

मामला कोर्ट में पहुंचने के आरोपी शिक्षक था फरार

यह मामला बाराबंकी की सीजेएम कोर्ट में साल 2007 से चल रहा है। मामला कोर्ट में पहुंचने के बाद से ही आरोपी शिक्षक फरार था। इस दौरान वह यूपी कोऑपरेटिव बैंक बाराबंकी का चेयरमैन भी बन गया था। सीजेएम कोर्ट द्वारा कई बार नोटिस देने के बाद भी आरोपी धीरेंद्र कुमार वर्मा कभी कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ। पंद्रह साल पुराने इस मुकदमें की मॉनीटरिंग उच्च न्यायालय द्वारा भी की जा रही थी। सीजेएम कोर्ट से आरोपी कोऑपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन को अदालत में उपस्थित होने के आदेश दिए गए लेकिन वह फरार ही रहा। सीजेएम ने 13 अक्टूबर 2022 को धीरेंद्र की गिरफ्तारी में एनबीडब्लू जारी की थी, जिसमें अब गिरफ्तारी हुई है।

आरोपी शिक्षक धीरेंद्र कुमार वर्मा कई सालों से निलंबित: बीएसए

वहीं बाराबंकी के बीएसए संतोष कुमार देव पांडेय ने बताया कि आरोपी शिक्षक धीरेंद्र कुमार वर्मा कई सालों से निलंबित है। इनका निलंबन भत्ता बंद है। इस पर करीब 2.70 लाख रुपये रिकवरी का मामला है। इस मामले में अब विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।

Deepak Kumar

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