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प्रशासन कर रहा था गुमराह, बीजेपी सांसद के सामने परिजनों ने खोली पोल
बाराबंकी : राजधानी लखनऊ से सटे जिले बाराबंकी में स्प्रिट कांड में मौतों का आकड़ा थमने का नाम नही ले रहा है। प्रशासन अपनी गर्दन बचाने के लिए झूठ पर झूठ बोले जा रहा है। इस बात का खुलासा बाराबंकी सांसद प्रियंका रावत के सामने हुआ है।
दरअसल स्प्रिट कांड के पीड़ित परिवारों से सांसद मिल उनका दुख बाटनें का प्रयास कर रहीं थी। सांसद के सामने पीड़ित परिवारों ने मौत की असली वजह स्प्रिट पीना बताया। जबकि डीएम ने तीन लोगों की स्प्रिट पीने से और बाकी की स्वाभाविक मृत्यु बता कर मामले की इतिश्री कर ली थी। सांसद के सामने यह भी बात भी आई कि पीड़ितों को प्रशासन के मुताबिक बयान देने के लिए मजबूर किया गया था।
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सांसद ने इस पूरे मामले की जानकारी मुख्यमंत्री से मिलकर लिखित रूप से देने की बात और इसमें शामिल प्रशासन के लोगों पर भी कठोर कार्यवाई करने की बात कही है।
बाराबंकी के देवा थाना इलाके में हुई 13 मौतों के मामले में आज सियासी पारा भी चढ़ा और नए खुलासे भी हुए। सबसे चौकानें वाला खुलासा यह हुआ कि इन मौतों की असल वजह बताने में जिला प्रशासन झूठ बोल रहा है। सांसद से मुनिया पुरवा गांव के प्रधान संतोष ने बताया कि प्रशासन के लोगों ने गांव आकर उनके मनमाफिक बयान देने के लिए मजबूर करते हुए कहा था, अगर शराब या स्प्रिट से किसी की मौत बताई तो उन्हें किसी प्रकार की सहायता नही मिल पाएगी।
अगर इन पीड़ितों की बात को सही मानें तो फिर क्या जिलाधिकारी झूठ बोल रहे थे। क्योंकि जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी ने ज्यादातर लोगों की मौत का कारण स्वाभाविक मौत बताया था। जिलाधिकारी ने सिर्फ तीन मौतों को स्प्रिट से मौत बताया था। जबकि सांसद के सामने एक स्वर में पीड़ितों के परिजनों ने स्प्रिट पीने की मुख्य वजह बताई।
बाराबंकी सांसद प्रियंका रावत ने बताया कि यह घटना बहुत बड़ी है। इसी वजह से वह अपने बीमार पति को छोड़कर पीड़ितों का दुख बाटनें आई हैं। सांसद ने बताया कि इन सबकी मृत्यु स्प्रिट पीने से हुई है। स्प्रिट पीने के लिए नही होती। लेकिन प्रशासन को इसकी जांच करनी चाहिए थी कि अगर स्टॉक है तो उसका क्या उपयोग हो रहा है।
सांसद ने कहा कि जिन अधिकारियों का इसमें दोष है। उन सभी के विरुद्ध कठोर कार्यवाई करने के लिए मुख्यमंत्री से स्वयं मिल कर मांग करेंगी। सांसद ने व्यक्तिगत रूप से सभी पीड़ित परिवारों को 10-10 हज़ार की आर्थिक सहायता और जाड़े से बचाव के लिए कंबल दिए।
मेयो अस्पताल में चल रहा है इलाज
बाराबंकी के मेयो अस्पताल में इलाज करा रहे मुनिया पुरवा गांव के उमेश की आखें इसी स्प्रिट पीने में चली गई। उमेश ने बताया कि उसने स्प्रिट पी थी। स्प्रिट पीने के बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी और उसे दिखाई देना बंद हो गया। इसी गांव के निवासी देवीशरण ने बताया कि उसने भी मदन के यहां स्प्रिट लेकर पी थी। उसके बाद उनकी भी हालत बिगड़ गयी और सर्दी लगने के साथ उनकी आंखों से दिखना बंद हो गया।
अब तक इनकी हो चुकी है मौतें
बाबूलाल कश्यप, टेराखुर्द
संजय कश्यप, कचेहरान
बहादुर, उदवतनगर
रामफल, मुनियापुर
रामसुरेश, कुरखिला
अवनीश, थालखुर्द
काशीराम, थालखुर्द
मुन्ना, वाल्मीकि
कमलेश, मुनियापुर
माताप्रसाद, जसनवारा
नौमीलाल, देवगांव
सत्यनाम, सलारपुर
उमेश यादव, रीवांरतनपुर
राकेश गौतम, ढिढोरा