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Barabanki News: फर्जी एम्बुलेंस मामले में बाहुबली मुख्तार अंसारी की कोर्ट में हुई वर्चुअल पेशी, सुनवाई टली
Barabanki News: अभियोजन गवाह संख्या 3 इंस्पेक्टर सुरेंद्र प्रताप सिंह की गवाही आज होनी थी लेकिन गवाह के पिता की तबियत बहुत खराब होने के चलते वो कोर्ट ने पेश नही हो पाए।
Barabanki News: बाराबंकी जिले में बाहुबली मुख्तार अंसारी पर चल रहे फर्जी एंबुलेंस मामले में आज सोमवार को वर्चुअल पेशी हुई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए मुख्तार अंसारी ने अपनी बात न्यायधीश के सामने रखी। अभियोजन गवाह संख्या 3 इंस्पेक्टर सुरेंद्र प्रताप सिंह की गवाही आज होनी थी लेकिन गवाह के पिता की तबियत बहुत खराब होने के चलते वो कोर्ट ने पेश नही हो पाए। जिसके चलते आज एमपी-एमएलए कोर्ट 19 में सुनवाई के बाद अब इस मामले की अगली सुनवाई 30 सिंतबर को होगी।
पूरा मामला
बता दें कि सोमवार को बाराबंकी के एमपी-एमएलए कोर्ट 19 में बाहुबली मुख्तार अंसारी की फर्जी एंबुलेंस मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई। पेशी के दौरान अभियोजन के मुख्य गवाह इंस्पेक्टर सुरेद्र प्रताप सिंह की आज गवाही होनी थी। लेकिन गवाह सुरेंद्र प्रताप सिंह के पिता की तबियत बहुत खराब होने के चलते वो आज कोर्ट में पेश नही हो पाए। जिसको देखते हुए विशेष न्यायाधीश ने मुख्तार अंसारी से उनका पक्ष वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जाना। उसके साथ ही केस की सुनवाई को आगे बढ़ा दिया है। सोमवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई के बाद अब इस मामले की अगली सुनवाई 30 सिंतबर को होगी।
क्या था पूरा मामला?
मुख्तार अंसारी ने 31 मार्च, 2021 को नकली दस्तावेजों और फर्जी पते पर ऐंबुलेंस (UP 41 AT 7171) अचानक चर्चा का विषय बन गया जब गाजीपुर की विधायक रहीं अलका राय ने ट्वीट कर कांग्रेस अध्यक्ष और पंजाब सरकार को निशाने पर लिया था। इन सभी ऐंबुलेंस में बाराबंकी का रजिस्टर्ड नंबर था। इसी में बैठकर मुख्तार अंसारी पंजाब जेल से रोपड़ पेशी पर आ-जा रहा था। ऐंबुलेंस की जांच की गई तो पता चला कि पंजाब जेल में बंद रहने के दौरान मुख्तार अंसारी कोर्ट जाने के लिए निजी ऐंबुलेंस नंबर यूपी 41 एटी 7171 का प्रयोग करता था।
जांच में पता चला की यह एंबुलेंस बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय में 21 मार्च, 2013 में पंजीकृत थी। पंजीकरण में दिए गए सभी पता फेक पाए गए। इसपर बाराबंकी एआरटीओ पंकज सिंह ने नगर कोतवाली में मऊ जनपद के श्याम संजीवनी अस्पताल की संचालिका डॉ. अल्का राय पर जालसाजी का मुकदमा कर दिया था। पुलिस ने अप्रैल 2021 में पहला मुकदमा जालसाजी का लिखा था। इसके तीन माह बाद सभी आरोपियों के खिलाफ 04 जुलाई, 2021 को कोर्ट में सबमिट किए गए आरोप पत्र के बाद पुलिस की रिपोर्ट पर डीएम ने 24 मार्च, 2022 को गैंगचार्ट पर अनुमोदन किया था।