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Barabanki News: संभल के बाद सतरिख मेले पर भी प्रतिबंध की मांग, भाजपा नेताओं ने ज्ञापन सौंपकर उठाई मांग

Barabanki News: संभल के बाद बाराबंकी के सतरिख में भी सैय्यद सालार साहू गाजी के नाम पर लगने वाले मेले को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

Sarfaraz Warsi
Published on: 26 March 2025 8:00 PM IST (Updated on: 26 March 2025 8:04 PM IST)
Barabanki News: संभल के बाद सतरिख मेले पर भी प्रतिबंध की मांग, भाजपा नेताओं ने ज्ञापन सौंपकर उठाई मांग
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Barabanki News: संभल के बाद बाराबंकी के सतरिख में भी सैय्यद सालार साहू गाजी के नाम पर लगने वाले मेले को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा नेताओं, समाजसेवियों और अधिवक्ताओं ने मेले पर रोक लगाने की मांग की है।

एसडीएम मधुमिता सिंह को जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन सौंपकर कहा गया कि सैय्यद सालार साहू गाजी विदेशी आक्रमणकारी महमूद गजनवी का सेनापति व बहनोई था। इन आक्रांताओं के कुछ अनुयायी यहीं बस गए। वे लोगों को गुमराह कर आक्रमणकारियों को संत बताने लगे। ऐसे ही सतरिख के काजी मोहल्ले में स्थित सैय्यद सालार साहू गाजी की कथित कब्र पर हर साल ज्येष्ठ माह के पहले बड़ मंगल के बाद आने वाले शनिवार को मेला लगता है। जबकि संभल जिले में इसी तरह के मेले पर पहले ही रोक लग चुकी है। वहां पुलिस-प्रशासन ने साफ कर दिया है कि लुटेरों के नाम पर कोई मेला नहीं लगेगा। इसलिये बाराबंकी में भी इस मेले पर रोक लगाई जाए। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि गलत तथ्यों और इतिहास के आधार पर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। ऐसी कुरीतियों और परंपराओं पर रोक लगनी चाहिए। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि सतरिख में होने वाले इस मेले की अनुमति न दी जाए।

भाजपा विधि प्रकोष्ठ के संयोजक अनूप कुमार यादव ने कहा कि सबसे क्रूर मुगल शासक महमूद गजनवी के बहनोई सलार साहू गाजी के नाम पर सतरिख में मेला लगता है। हमारी पुलिस-प्रशासन से मांग है कि जब संभल नेजा मेला नहीं लगा, तो सतरिख में भी मेला न लगने दिया जाए। वहीं भाजपा किसान मोर्चा जिलाअध्यक्ष आशुतोष अवस्थी ने कहा कि सतरिख में जिस जगह मेला लगता है, वह हिंदुओं का देव स्थान है। वहां पर आज भी एक चक्र लगा हुआ है। ऐसे में वहां सालार साहू की कब्र बनाकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। हमारी जिला प्रशासन से मांग है कि वहां लगने वाला मेला हर हाल में बंद हो। बाहरी आक्रांताओं का मेला हमारे यहां नहीं लगने दिया जाएगा। गुलामी का एहसास कराने वाला कोई भी चिन्ह हम लोग नहीं छोड़ेंगे।

Ragini Sinha

Ragini Sinha

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