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Barabanki News: बाराबंकी में हुई राजकीय पक्षी सारस की गणना, कुल इतने हैं यहां ये पक्षी
Barabanki News: डीएफओ रुस्तम परवेज ने बताया कि हम लोग सारस की गणना के लिए झील और पानी वाली जगह को चिन्हित करते हैं, जहां पर ये सबसे ज्यादा पाए जाते हैं। पिछले साल 290 सारस पाए गए थे।
Barabanki News: बाराबंकी जिले में तराई क्षेत्रों की आवोहवा प्रदेश के राजकीय पक्षी सारस को भा रही है। तभी तो इनका कुनबा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। वन विभाग बाराबंकी द्वारा सारस के प्रति लोगों को जागरूक करने और सारस की गणना के लिए कल से दो दिवसीय अभियान चलाया गया। कल पहले दिन चलाए गए अभियान में सारस का प्राकृतिक वास एवं इनकी गणना की गई। जिसमें 293 सारस मिले, पिछले साल हुई गणना के मुकाबले इनकी संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। गणना कार्य के दौरान विभागीय अधिकारियों समेत पक्षी विशेषज्ञ और ग्रामीण शामिल रहे।
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ऐसे की जाती है सारस की गिनती
डीएफओ रुस्तम परवेज ने बताया कि हम लोग सारस की गणना के लिए झील और पानी वाली जगह को चिन्हित करते हैं, जहां पर ये सबसे ज्यादा पाए जाते हैं। पिछले साल 290 सारस पाए गए थे। इस बार संख्या बढ़ गई है। वन विभाग ने नारा दिया है कि ‘सारस की गणना करवाएं, नागरिक कर्तव्य निभाएं’। सुबह छह से आठ बजे और शाम को चार से छह बजे तक गणना का समय निर्धारित किया गया। गणना के लिए विभाग ने 46 स्थान चिन्हित कर 23 टीमें बनाई हैं। ग्राम प्रधानों और स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से सारस पक्षी की गणना का किया जा रहा है।
देवा के सलारपुर झील में सबसे ज्यादा सारस
पहले दिन सुबह से ही हरख के नेवली झील, कोठी झील, देवा की सलारपुर झील, भगहर झील, गोमती और सरयू नदी के किनारे तराई में वनकर्मियों ने सारस की गणना की। सबसे ज्यादा सारस देवा के सलारपुर झील में पाए गए। डीएफओ बाराबंकी ने बताया कि सारस के बचाव के लिए हम जग-जागरूकता कार्यक्रम चलाते हैं। जिसमें गांव-गांव और खास करके स्कूल के बच्चों और छात्र-छात्राओं को बताते हैं कि सारस का हमारे जीवन में क्या महत्व है। हम उन स्थानों को चिन्हित करते हैं, जहां पर सारस ने अंडे दिए हों। उसकी सुरक्षा और संरक्षण के लिए हम लोग टीम बनाते हैं। ताकि उनकी देखभाल सही से हो सके और उसके अंडे को कोई नुकसान ना पहुंचे।