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Barabanki News: बाराबंकी पहुंचे भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत, बोले किसान जिन्दा रहेगा, तो देश जिन्दा रहेगा
Barabanki News: बाराबंकी पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत ने यूथ विंग के जिला कार्यालय उद्घाटन के दौरान कहा कि भाकियू का "यूथ संगठन" संगठन की विचारधारा को आगे बढ़ाने का काम करेगा।
Barabanki News: भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत आज बाराबंकी पहुंचे और संगठन की यूथ विंग के जिला कार्यालय का उद्घाटन किया। इस अवसर पर भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत ने किसानों के मुद्दों पर सरकार को घेरा। टिकैत का कहना है कि किसान जिन्दा रहेगा, तो देश जिन्दा रहेगा।
बाराबंकी पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत ने यूथ विंग के जिला कार्यालय उद्घाटन के दौरान कहा कि भाकियू का "यूथ संगठन" संगठन की विचारधारा को आगे बढ़ाने का काम करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि किसान आंदोलन ने किसानों की आवाज को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती दी है। टिकैत ने कहा कि पार्लियामेंट के सेशन में अब किसानों का जिक्र होता है। यह किसान आंदोलन की ही देन है। लेकिन, राजनीतिक पार्टियों को धरातल पर काम करना होगा, सिर्फ बयानबाजी से किसानों का भला नहीं होगा।
राकेश टिकैत ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर सरकार अपनी नीतियों पर काम करे तो कई समस्याओं का समाधान हो सकता है। उन्होंने कहा कि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) गारंटी कानून अभी तक लागू नहीं हुआ है, जिसका सीधा नुकसान किसानों को हो रहा है। टिकैत ने यह भी कहा कि देशभर में इस मुद्दे पर बैठकें और पंचायतें हो रही हैं और कुछ राजनीतिक दल अब अपने घोषणापत्र में एमएसपी गारंटी कानून का जिक्र करने लगे हैं।
राकेश टिकैत ने मौजूदा सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने 2013 के चुनावी घोषणापत्र में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के C2+50% फार्मूले को लागू करने का वादा किया था, लेकिन इसके बजाय A2+FL फार्मूला लागू किया। उन्होंने कहा कि इससे जमीनों के दाम तो बढ़ गए, लेकिन फसलों के दाम नहीं बढ़े।राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन के बाद अब कोई भी राजनीतिक दल किसानों को नजरअंदाज नहीं कर सकता। लेकिन यह जरूरी है कि सरकार केवल घोषणा तक सीमित न रहे, बल्कि धरातल पर किसानों के लिए ठोस काम करे। यह दौरा किसान आंदोलन की विचारधारा को और मजबूती देने और युवाओं को संगठन से जोड़ने के उद्देश्य से किया गया।