Barabanki News: बाढ़ त्रास्दी का मामला, रिपोर्ट में हुआ खुलासा, रेठ नदी और जमुरिया नाले की आधी से ज्यादा जमीन पर अवैध कब्जा

Barabanki News: स्थानीय लोगों के मुताबिक बीते दिनों हुई बारिश से उनका सारा सामान खराब हो गया है। उनकी पूरी गृहस्थी बर्बाद हो गई है। लोगों के मुताबिक लोगों ने नाले और नदी की जमीन पर जब कब्जा किया, तो उस समय जिले के अधिकारी क्या कर रहे थे।

Sarfaraz Warsi
Published on: 1 Oct 2023 4:00 AM GMT
Barabanki Illegal Occupation Land
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Barabanki Illegal Occupation Land 

Barabanki News: बाराबंकी शहर में बारिश से हुए चल भराव की वजह जमुनिया नाले और रेठ नदी की जमीन पर हुआ अतिक्रमण है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद इस त्रासदी का संज्ञान लिया। साथ ही समस्या और निदान को लेकर जांच कमेटी गठित की थी। इस कमेटी ने अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। जांच कमेटी के अफसरों के मुताबिक नगर से गुजरे जमुरिया नाले और रेठ नदी की आधी से ज्यादा जमीन पर लोगों ने अवैध अतिक्रमण कर रखा है। इसी की वजह से जल निकासी प्रभावित हुई और नगर में जल भराव के हालात बन गए। डीएम बाराबंकी को भी हालत से अवगत कराते हुए अवैध कब्जों को हटाने की सिफारिश की गई है। डिटेल रिपोर्ट तैयार करने का काम भी युद्ध स्तर पर चल रहा है।

जाने पूरा मामला

दरअसल बीती 10 सितंबर को बाराबंकी शहर में बारिश से बाढ़ जैसे हालात उपजे थे। जिसका सीएम योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रमुख सचिव सिंचाई से इस मामले में रिपोर्ट तलब की थी। इस पर मुख्य अभियंता शारदा नहर अशोक सिंह और अधीक्षण अभियंता 11वां मंडल संतोष कुमार सिंह समेत कई अधिकारियों की टीम बनाकर वजह और निदान के लिए लगाया गया था। इन अभियंताओं की टीम ने अपनी जांच में पाया कि बाढ़ खंड के रिकॉर्ड के मुताबिक जमुरिया नाले की चौड़ाई लगभग 14 मीटर और रेठ नदी की चौड़ाई लगभग 50 से 56 मीटर के बीच है। जबकि जमुरिया नाला पहले नदी के रूप में चिन्हित था और उसकी लंबाई लगभग 22 किलोमीटर है। जबकि रेठ नदी का उद्गम सीतापुर जिले से होता है और यह 109 किलोमीटर लंबी है।

आपको बता दें कि बारिश के दौरान जमुरिया नाला और रेठ नदी के तलहटी और आसपास के एरिया पर अवैध रूप से निर्माण के चलते जल निकासी प्रभावित हुई और बारिश के पानी को निकालने में समय लगा। जिसके चलते बाराबंकी शहर के तमाम रिहाई से इलाकों तक जमुरिया और रेठ नदी का पानी पहुंच गया। जांच कमेटी के अधिकारियों के मुताबिक नाला और नदी का 50 फीसदी हिस्सा खाली होना चाहिए। साथ ही फ्लड एरिया तय करके उसको भी खाली कराया जाना चाहिए। अधिकारियों के मुताबिक इन पर अवैध रूप से मकान, मैरिज लॉन, गेस्ट हाउस, स्कूल, अस्पताल पुल और पुलिया भी बन गए हैं। यह सभी बाढ़ के हालात के लिए जिम्मेदार हैं। अधिकारियों ने बताया कि डीएम को अवैध कब्जों को हटाने के लिए पत्र लिखा गया है। साथ ही डिटेल रिपोर्ट अगले 15 दिनों में प्रमुख सचिव को सौंप दी जाएगी।

वहीं स्थानीय लोगों के मुताबिक बीते दिनों हुई बारिश से उनका सारा सामान खराब हो गया है। उनकी पूरी गृहस्थी बर्बाद हो गई है। लोगों के मुताबिक लोगों ने नाले और नदी की जमीन पर जब कब्जा किया, तो उस समय जिले के अधिकारी क्या कर रहे थे। कैसे नक्शा पास हो गया। कैसे टैक्स लिया जा रहा है। अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा हम लोग भुगत रहे हैं। शहर के सभी इलाकों में बाढ़ आई थी। ऐसा नजारा हम लोगों ने अपनी जिंदगी में ऐसी त्रासदी नहीं देखी और इसका जिम्मेदार जितना आम नागरिक है उतना ही जिले के आलाधिकारी भी हैं।

Admin 2

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