गोंडा-बहराइच के साथ नेपाल को जोड़ने वाले संजय सेतु में बढ़ी दरारें, DM बोले- जल्द होगी मरम्मत

Barabanki News: बाराबंकी से गोंडा, बहराइच और नेपाल जाने के लिए राहगीरों को इस पुल से गुजरना होता है, क्योंकि इसके सिवा कोई और रास्ता नहीं है।

Sarfaraz Warsi
Published on: 8 July 2024 8:35 AM GMT
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गोंडा-बहराइच के साथ नेपाल को जोड़ने वाले संजय सेतु में बढ़ी दरारें (न्यूजट्रैक)

Barabanki News: लगातार हो रही बारिश के चलते सरयू नदी उफान पर है। बाराबंकी जिले में सरयू नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार का खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। इसी बीच बाराबंकी में सरयू नदी पर बने संजय सेतु में जोड़ वाले स्थानों पर दरारें दिखाने से राहगीरों में भय का माहौल बन गया है। उफनाई हुई नदी और पुल के जोड़ में दरारें देखकर यहां से गुजरने वाले लोग सख्ते में हैं। बाराबंकी से गोंडा, बहराइच और नेपाल जाने के लिए राहगीरों को इस पुल से गुजरना होता है, क्योंकि इसके सिवा कोई और रास्ता नहीं है।

राहगीरों ने बताया कि सरयू नदी पर बना यह संजय सेतु रखरखाव के अभाव में अब हादसे का सबब बनता जा रहा है। जबकि पुल के दोनों ओर टोल प्लाजा हैं, जहां पर आने-जाने वाले वाहनों से टोल टैक्स लिया जाता है। राहगीरों ने बताया कि टोल टैक्स लेने के बावजूद पुल का रखरखाव नहीं किया जा रहा है। कई राहगीरों ने बताया कि जोड़ वाले स्थान पर दरारें देखकर अब हमें यहां से गुजरने में डर महसूस होता है। हालांकि बाराबंकी के जिलाधिकारी ने एनएचएआई के द्वारा पुल के जल्द सालाना मेंटेनेंस कराने की बात कही है।


बता दें कि इस संजय सेतु का शिलान्यास 9 अप्रैल 1981 को तत्कालीन मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने किया था। करीब 3 साल बाद 1984 में पुल का निर्माण पूरा हो गया था। यह सेतु 30 खंभों पर बना है। लगभग 40 साल पहले बना यह संजय सेतु रखरखाव के अभाव में अब जर्जर हो रहा है। सेतु के जोड़ वाले स्थानों पर दरारें बढ़ती जा रही हैं। दरारों की मरम्मत पिछले कई साल से कराई जाती है, लेकिन वह दरारों फिर से उसी तरह हो जाती हैं। कई जगह पुल के जोड़ की दरार में लगे लोहे के एंगल व सरिया टूट गई हैं, जिससे नीचे नदी का पानी देखा जा सकता है।

कई जगह लोहे की सरिया, एंगल व सीमेंट टूटकर निकल रहे हैं। जिससे यहां वाहन गुजरते हैं तो जोर से खटखट की आवाज आती है। पुल से हर रोज गुजरने वाले सर्वेश तिवारी ने बताया कि हम यहां से हर रोज आते-जाते हैं। हम पिछले चार-पांच सालों से देख रहे हैं कि इन दरारों को रिपेयर किया जाता है, लेकिन फिर से दरारें उसी तरह हो जा रही है। इन्होंने बताया कि यहां आसपास के लोगों की मांग है कि यह पुल हादसे का सबब बनता जा रहा है। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, इसलिए अब इस पुल की रिपेयरिंग न की जाए। अब यहां पर दूसरा नया पुल बनाया जाए। वहीं राहगीर मनमोहन तिवारी ने बताया कि मैं पेसे से अधिवक्ता हूं, हर महीने इस पुल से तीन-चार बार गुजरना होता है।

उन्होंने बताया कि यह पुल कई जिलों के साथ नेपाल देश को जोड़ता है। लेकिन इस पुल की जो हालत है, प्रशासन द्वारा इसकी कोई भी देखरेख नहीं की जा रही है यह बहुत दुखत बात है, देख-देख के अभाव में यह पुल अब जर्जर होता जा रहा है। एल्गिन ब्रिज के सालाना मेंटेनेंस का काम एनएचएआई के द्वारा किया जाता है। इस संबंध में एनएचएआई के सीनियर अधिकारियों से बात हुई है। जल्द ही पुल की मरम्मत कराई जाएगी। जिससे आवागमन में किसी तरह की कोई समस्या न आये।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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