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Barabanki: सरयू की कटान रोकने पर करोड़ों खर्च, लेकिन सारा तामझाम पानी में बहा

Barabanki: रामनगर तहसील और सूरतगंज ब्लॉक के कुसौरा गांव के पास का इलाका काफी संवेदनशील है। बाढ़ खंड ने यहां पर छह जियो पाइप के कटर नदी के अंदर बनाए।

Sarfaraz Warsi
Published on: 10 Aug 2024 5:11 PM IST
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सरयू की कटान रोकने पर करोड़ों खर्च (न्यूजट्रैक)

Barabanki News: सरयू नदी की धारा बदलने के चलते कटान काफी तेज हो रही है। जिसके चलते कई गांवों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर कटान रोकने के लिये प्रशासन द्वारा जो भी प्रयास किये गय वह सब पानी क्यों हो गये। जानकारी के मुताबिक सरयू नदी की बाढ़ से तटवर्तीय गांवों को बचाने पर खर्च हुए करीब 20 करोड़ रुपये पानी में बह गये हैं। नदी की धारा को बदलने से रोकने के लिये हुई ड्रेजिंग के साथ ही जियो ट्यूब, पिचिंग और स्पर भी कटान से होने वाली त्रास्दी को नहीं रोक पाये। बरसात में जलस्तर बढ़ने पर दो दर्जन गावों में पानी भर गया। अब कटान से बबुरी गांव का अस्तित्व भी खत्म होने की कगार पर है। रोकथाम के सारे दावे कागजी साबित होने से कटान से होने वाले नुकसान की समस्या जस की तस बनी हुई है।

रामनगर तहसील और सूरतगंज ब्लॉक के कुसौरा गांव के पास का इलाका काफी संवेदनशील है। बाढ़ खंड ने यहां पर छह जियो पाइप के कटर नदी के अंदर बनाए। नदी में रेत रोकने के भी इंतजाम किये गए। अधिकारियों ने बताया कि सभी कटर वनवे सीपेज हैं। इनमें बाहर का पानी अंदर नहीं आ पाएगा, जबकि अंदर का पानी बाहर चला जाएगा। नदी की तेज धारा को यह कटर रोकेंगे, जिससे कटान रुकेगी। लेकिन जब सरयू नदी का जलस्तर बढ़ा तो पूरे का पूरा प्रोजेक्ट नदी में डूबा पड़ा है।

सिरौलीगौसपुर तहसील अंतर्गत तेलवारी व इटहुआ पूर्व गांव के बीच में एक साल पहले ड्रेजिंग हुई। इसी क्षेत्र में कहारनपुरवा से तेलवारी तक बाढ़ से बचाने व कटान रोकने के काम पर करोड़ों की धनराशि खर्च करने के बाद भी न तो नदी की कटान रुकी और न ही पानी गांवों में आना थमा। बाढ़ खंड के अधिकारियों के मुताबिक ड्रेजिंग का काम मैकेनिकल विभाग द्वारा कराया जाता है। जियो बैग के कारण ही नदी दो भागों में हुई। उन्होंने बताया कि यह पानी में डूबे हैं, बहे नहीं।

वहीं इन गांव के लोगों ने बताया कि यहां पर हो रहे सारे काम सिर्फ दिखावे के लिये कराए जा रहे हैं। इस बार नदी की धारा ने अपना रुख मोड़ लिया है। जिसके चलते बंधे भी कटने की कगार पर पहुंच रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि अधिकारियों ने सारा पैसा केवल पानी में बहाया है। यहां पर नदी की कटान और धारा को रोकने के लिये कुछ भी इंतजाम नहीं हुए हैं। इन ग्रामीणों का कहना है कि अगले एक महीने में हम लोगों के घर नदी में समा जाएंगे और बंधा भी तट जाएगा।



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Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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