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Barabanki: अवैध रूप से संचालित निजी अस्पताल पर स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी, थमाया नोटिस
Barabanki: पूरा मामला बाराबंकी जिले के लखनऊ अयोध्या हाईवे स्थित सफदरगंज चौराहे पर अवैध रूप से संचालित हो रहे ग्रीन लाईफ मेडिकेयर ई क्लीनिक के का है जो बिना रजिस्ट्रेशन के कई वर्षों से संचालित है।
Barabanki News: अवैध रूप से निजी अस्पतालों के संचालन के रोक का स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई का दावा लगातार किया जा रहा है लेकिन कार्रवाई के नाम पर मात्र खानापूर्ति ही हो रही है क्योंकि ऐसा ही है ताजा मामला सामने आया है जहां पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अवैध रूप से संचालित एक निजी अस्पताल पर छापेमारी की है जहां पर मौके पर अस्पताल में मरीजों का इलाज चल रहा था दस्तावेज के नाम पर अस्पताल प्रबंधन के पास कुछ भी नहीं था उसके बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मात्र नोटिस थमा कर खाना पूर्ति की है जिसे साफ तौर से पता चलता है कि किस तरह से स्वास्थ्य विभाग की शह पर अवैध रूप से निजी अस्पतालों का संचालन तेजी से हो रहा है।
बता दें कि पूरा मामला बाराबंकी जिले के लखनऊ अयोध्या हाईवे स्थित सफदरगंज चौराहे पर अवैध रूप से संचालित हो रहे ग्रीन लाईफ मेडिकेयर ई क्लीनिक के का है जो बिना रजिस्ट्रेशन के कई वर्षों से संचालित है। जिसमें मरीज के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ और उनका आर्थिक शोषण किया जा रहा था जिसकी शिकायत कई बार स्वास्थ्य विभाग से हो चुकी है जिसके चलते जानकारी होने पर बड़ागांव सीएचसी प्रभारी संजीव कुमार व उनकी टीम ने अस्पताल में छापेमारी कर दस्तावेजों की जांच-पड़ताल की। कोई भी वैध दस्तावेज न मिलने पर सीएचसी प्रभारी संजीव कुमार अस्पताल के संचालन पर रोक लगाते हुए नोटिस दी है। दोबारा बिना रजिस्ट्रेशन के संचालन पर एफआईआर कराने की अल्टिमेटम दिया है।
अस्पताल में बिना बिल व लाईसेंस के बगैर मिली दवाईयों के सम्बन्ध में सीएचसी प्रभारी ने जिला औषधि निरीक्षक सीमा सिंह को अवगत कराया। सूचना पर पहुंची डीआई सीमा सिंह ने अस्पताल में मिली दवाईयों की जांच-पड़ताल की है। डीआई ने बताया कि अस्पताल में दवाईयां बिना बिल के मिली है। मौजूद संचालकों ने बताया कि बीएमएस के नाम से रजिस्ट्रेशन है। डीआई ने तीन दिनों में नोटिस देकर बिल व लाइसेंस उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि जब स्वास्थ्य विभाग की टीम निज अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए अस्पताल पहुंची तो मौके पर अस्पताल के अंदर कई मरीज का इलाज चल रहा था उसके बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम कार्रवाई करने के बजाय मात्र खानापूर्ति से ही काम चला लिया अस्पताल के अंदर ही अवैध रूप से मेडिकल स्टोर भी संचालित है जिसको लेकर औषधि निरीक्षक को भी मौके पर बुलाया गया औषधि निरीक्षक ने भी कार्रवाई के नाम पर मात्र खाना पूर्ति ही की है इसके चलते लगातार निजी अस्पतालों का वह जरूर से संचालन करने के लिए निजी अस्पताल के प्रबंधन को छूट मिल रही है।