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Barabanki: मुस्लिम हूं, इसीलिये प्रताड़ित किया जा रहा.., बिल्डर नौशाद आलम का छलका दर्द
Barabanki: बिल्डर नौशाद आलम ने जिला प्रशासन पर जबरन परेशान करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उन्हें जिला प्रशासन सिर्फ इसलिये परेशान कर रहा है क्योंकि वह मुस्लिम हैं।
Barabanki News: शहर में सीएमएस बंगले की जमीन मामले में जिले के बिल्डर नौशाद आलम ने जिला प्रशासन पर जबरन परेशान करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उन्हें जिला प्रशासन सिर्फ इसलिये परेशान कर रहा है क्योंकि वह मुस्लिम हैं। अगर वह हिंदू होते तो उनके साथ ऐसा कतई न होता। नौशाद आलम का आरोप है कि उन पर एक बार फिर फर्जी एफआईआर दर्ज करा दी गई है। पहले भी सीएमएस बंगले के नाम की जिस जमीन को लेकर उन पर एफआईआर हुई और उसके आधार पर उन्हें जेल भेजा गया था। वह भी गलत था। जबरन उस जमीन को प्रशासन उनसे हथियाना चाहता है। उन्होंने कहा कि एक भाजपा नेता पर भी ठीक उन्हीं धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई थी। लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई। लेकिन मैं एक मुस्लिम हूं, इसलिये मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है।
इन्हीं सब बातों को लेकर बिल्डर नौशाद आलम का दर्द मीडिया के सामने छलका। उन्होंने अपने वकील पवन वैश्य के आवास पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अपना दर्द सुनाया। जिला प्रशासन के रवैये को तानाशाही बताते हुए उन्होंने कहा कि वह उससे काफी आहत हैं। उन्होंने बताया कि नगर के मोहल्ला घोसियाना स्थित एक प्लाट को लेकर अधिकारियों ने उन पर मुकदमा दर्ज कराया है। प्रशासनिक अधिकारियों की मनमानी पर अपना पक्ष रखते हुए उन्होंने बताया कि साल 2016 में उनके द्वारा 50 लाख कीमत वाले 1943.42 वर्ग मीटर के एक प्लाट का एग्रीमेंट उपनिबंधक कार्यालय नवाबगंज में हुआ था। 27 सितम्बर 2016 को कार्यालय की बही संख्या 1 जिल्द संख्या 10052 में पृष्ठ संख्या 29 से 62 तक क्रमांक 17005 पर उसे अंकित किया गया था।
नौशाद के मुताबिक तीन साल बाद उन्हें जब पता चला कि यह जमीन विवादित है तो उन्होंने अपना एग्रीमेंट खारिज कर दिया था। यह मामला उपनिबंधक कार्यालय में बही संख्या 1 जिल्द संख्या 12686 में पृष्ठ संख्या 25 से 38 तक क्रमांक 19741 पर 27 नवम्बर 2019 को दर्ज किया जा चुका है। इनका कहना है कि जब उस जमीन से मेरा कोई मतलब नहीं रह गया है। इसलिये प्रशासन द्वारा मेरे ऊपर दर्ज कराया गया मुकदमा फर्जी है। प्रशासन से उनकी दुश्मनी को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि आखिर अधिकारी मुझसे चाहते क्या हैं। उनके द्वारा अधिकारियों की तानाशाही के इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय और सर्वौच्च न्यायालय तक जाने की बात कही गई है।
उन्होंने कहा कि ठीक इसी तरह पहले भी सीएमएस बंगले के नाम की जिस जमीन को लेकर उनपर एफआईआर हुई और उसके आधार पर उन्हें जेल भेजा गया था। वह भी गलत था। वह जमीन उनके नाम काफी समय पहले से दर्ज है। फिर भी जबरन उस जमीन को प्रशासन उनसे हथियाना चाता है। इसीलिये उन्हें फर्जी तरीके से आरोपी बनाकर जेल भेज दिया गया। उन्होंने कहा कि जिले के एक भाजपा नेता पर भी उस जमीन को लेकर ठीक उन्हीं धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई थी। लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई। लेकिन मैं एक मुस्लिम हूं, इसलिये मुझे जेल भेजा गया और अभी भी प्रताड़ित किया जा रहा है।