Barabanki News: झील में नाव पलटने से विवाहिता की मौत, पुल की मांग को लेकर महिलाओं ने जमकर काटा हंगामा

Barabanki News: जलकुंभी व गहरे पानी में फंस जाने से लक्ष्मी डूबने लगी। कड़ी मशक्कत के बाद में पानी में डूबी लक्ष्मी को बाहर निकाला और तत्काल उसे सीएचसी सूरतगंज ले गए। यहां उपस्थित डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

Sarfaraz Warsi
Published on: 11 Oct 2024 4:04 PM GMT
A married woman died after a boat capsized in a lake, women created a ruckus demanding a bridge
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 झील में नाव पलटने से विवाहिता की मौत, पुल की मांग को लेकर महिलाओं ने जमकर काटा हंगामा: Photo- Newstrack

Barababki News: बाराबंकी में आज नाव का संतुलन बिगड़ने से विवाहिता भगहर झील में जा गिरी। एकत्र ग्रामीणों ने उसे किसी तरह को निकाल कर सीएचसी पहुंचाया पर वहां पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। घटना के बाद सीएचसी पहुंची महिलाओं ने झील पर पुल बनने के बाद शव का पीएम कराने की बात कहते हुए हंगामा शुरु कर दिया। प्रशासनिक अफसरों के आश्वासन के बाद महिलाएं मानीं और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका। मृतका पति को खाना देकर खुद नाव चलाते हुए वापस घर जा रही थी।

पानी के बीच धार में पहुंचने पर नाव पलट गई

पूरा मामला रामनगर थाना क्षेत्र के चैनपुरवा गांव का है। जहां की लक्ष्मी निषाद अपने पति धर्मेंद्र निषाद के लिए खाना लेकर घर से निकली। दूरी कम करने के लिए वह खुद नाव चलाकर भगहर झील पार करने लगी। पानी के बीच धार पहुंचने पर नाव पलट गई, जलकुंभी व गहरे पानी में फंस जाने से लक्ष्मी डूबने लगी। यह हादसा देख कर चैनपुरवा और भगहर पार्क के मजदूर भी दौड़े। कड़ी मशक्कत के बाद में पानी में डूबी लक्ष्मी को बाहर निकाला और तत्काल उसे सीएचसी सूरतगंज ले गए। यहां उपस्थित डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

हादसे की खबर सुनकर दर्जनों महिलाएं अस्पताल में पहुंच गईं और वह भगहर झील में सबसे पहले एक पुल की मांग करने लगीं और मांग पूरी होने तक शव पीएम के लिए भेजने से इंकार कर दिया। महिलाओं का आरोप था कि भगहर झील पर अगर पुल होता तो दो साल पहले पुत्तीलाल, तीन साल पहले चिन्ताराम और नौ साल पूर्व गणेश कुमार उर्फ कल्लू का परिवार घटना का शिकार नहीं होता। लक्ष्मी की शादी को आठ साल हुए थे, पति धर्मेंद्र की जिम्मेदारी भी उसी के कंधे पर थी।

महिलाओं ने पुल की मांग की

उधर मौके पर पहुंची पुलिस ने महिलाओं को समझाने की कोशिश की पर महिलाएं सुनने को तैयार नहीं हुई। मौके पर पहुंचे तहसीलदार भूपेंद्र विक्रम सिंह, क्षेत्राधिकारी रामनगर सौरभ श्रीवास्तव ने दिसंबर माह के प्रथम पखवाड़े में ही सुलभ रास्ते के लिए पुल या कोई दूसरे विकल्प के तहत काम शुरू होने का लिखित अश्वासन दिया, तब लक्ष्मी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

Shashi kant gautam

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