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Barabanki News: जरी जरदोजी के हुनर को लगा बेरोजगारी का ग्रहण, लोगों का मोह हो रहा भंग
Barabanki News: सैकड़ो वर्ष तक चरम पर रही इस हस्तकला से युवा पीढ़ी का मोहभंग होने से लुप्त होने की कगार पर है ।
Barabanki News: तमाम ऐसे परंपरागत हुनर है जो इतिहास की यादें ताजा करते हैं । उनमें से एक ऐसा हुनर भी है जो वर्तमान में हाशिए पर है । राजा महाराजाओं की शान शौकत में चार चांद लगाने वाला जरी जरदोजी का हुनर अब बहुत ही कम लोग करना चाहते हैं । जबकि डेढ़ दशक पूर्व इस काम को करने वालों की बड़ी तादाद थी , जिनमें महिलाएं भी शामिल थी । सैकड़ो वर्ष तक चरम पर रही इस हस्तकला से युवा पीढ़ी का मोहभंग होने से लुप्त होने की कगार पर है ।
बाराबंकी शहर के बंकी वार्ड इस कला के लिए दूर-दूर तक मशहूर था । लगभग प्रत्येक घर इस पेशे से जुड़ा हुआ था । आरी जरी जरदोजी के काम से अच्छा मुनाफा कमा रहे थे । तब इस काम को करने वालों के घर में खुशहाली का माहौल हुआ करता था और उनके परिवार की सभी जरूरते आरी जरी जरदोजी के काम से ही पूरी हो जाती थी । लेकिन बीते 5 से 6 वर्षों में इस कारीगरी से बनी पोशाकों को पहनने वालो की मांग में कमी आई है । जिससे यहां के दर्जनों परिवारों का पालन पोषण करना मुश्किल हो रहा है ।
आरी जरदोजी के काम से चलते थे हजारों परिवार
आरी जरदोजी का काम करने वाले कारीगरों ने बताया कि यहाँ एक जमाने से आरी जरदोजी का काम हो रहा है। एक समय था, जब इस काम से हजारों परिवार चलते थे । उस दौर में कमाई भी खूब हुई। लेकिन अब ग्राहकों की कमी होने के कारण काम नहीं मिल पाता है और इतना ज्यादा महंगा इसका मटेरियल हो गया है कि जिसके कारण बचत न के बराबर है । इसी कारण कारीगरों का मोहभंग हो रहा है।
यही वजह है कि नए जरदोजी कारीगर दूसरे कारोबार करने लगे या मजदूरी करने लगे है । हम लोगों को आरी जरदोजी में 12 घंटे काम करने पर 300 रुपये मिल पाते है । ऐसे में पूरे घर का खर्च कैसे चलेगा और तो इतनी ज्यादा महंगाई है जिससे इतने कम पैसों में परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है । इसलिऐ बहुत से लोग इस काम को छोड़कर दूसरा काम करने लगे है ।