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Bareilly News: विकास परियोजना कार्यालय मीरगंज में मनमाने ढंग से हो रहा ड्राइ फूड राशन का उठान, जिम्मेदारो की सीट दिखी खाली
Bareilly News: योगी सरकार मासूमों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के चलते करोडों रूपये खर्च कर ड्राई फूड राशन उपलब्ध करा रही है।
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Bareilly News: प्रदेश की योगी सरकार मासूमों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के चलते करोडों रूपये खर्च कर ड्राई फूड राशन उपलब्ध करा रही है।जिससे कोई भी मासूम और गर्भवती को स्वास्थ्य सम्बंधित परेशानी ना आने पाए परंतु विभागीय जिम्मेदार इसके वितरण को मजाक बनाये हुए हैं। बाल विकास परियोजना कार्यालय के स्टोर से ड्राई फूड राशन का उठान करने हेतु गांव के चिंहित समूह की महिलाएं कार्यालय न पहुंचकर उनके पति, आदि परिवार के लोग ही इस कार्य को अंजाम दे रहे हैं। और विभागीय जिम्मेदार भी अनजान बनकर सिलसिला बरकरार रखे हुए हैं।
विभाग के अधिकारियो का कहना है कि बिना समूह के सदस्यो के बिना ड्राई फ़ूड राशन नहीं मिल सकता पर फिर भी बिना समूह के सदस्य के बिना ड्राई फ़ूड राशन का उठान किया जा रहा है!यहां तक कि ड्राई फूड वितरण का कार्य भी आंगनबाड़ी कार्यकत्री ही कार्यालय से कर रही हैं। सवाल यह क्या ऐसे में पारदर्शिता संभव है। यदि कार्यालय से राशन उठान से लेकर आंगनबाड़ी केंद्रों तक पर होने वाले वितरण की सही जांच हो तो सब कुछ उजागर हो जायेगा।
मामला बाल विकास परियोजना कार्यालय मीरगंज का सामने आया है। काफी समय से जानकारी मिल रही थी कि मासूमों और गर्भधात्री महिलाओं के स्वास्थ्य संबर्धन हेतु शासन से आने वाले भारी भरकम ड्राईफूड राशन का बाल विकास परियोजना कार्यालय स्टोर से उठान करने हेतु समूह की महिला अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष एवं सचिव में से कोई भी कार्यालय नहीं दिखाई देती हैं और महिलाओं के पति, देवर, या पुत्रादि ही कार्यालय आकर राशन उठाकर ले जाते हैं। जिसे कस्बे के घरों में ही रखबा दिया जाता है।
इस मामले की तह तक पहुंचने हेतु मंगलवार को दोपहर बाद सांय चार बजे करीब जब न्यूज़ ट्रैक संवाददाता बाल विकास परियोजना कार्यालय मीरगंज पहुंचे तो वहां कार्यालय में सीडीपीओ की और महिला बाबू की कुर्सियां खाली दिखीं और कार्यालय में गुलड़िया के एक समूह की महिला अध्यक्षा के पति पुष्टाहार की निकासी उठान हेतु कराते दिखे मगर महिला नहीं दिखी।
जिसे गांव समसपुर की आंगनबाड़ी कार्यकत्री सुमन वितरित करती मिली। संवाददाता ने जब कार्यकत्री सुमन से सीडीपीओ और बाबू महिला के बारे में पूछा तो बताया कि सीडीपीओ मीटिंग में जाना और महिला बाबू के अवकाश पर होना बताया। संवाददाता ने जब आंगनबाड़ी सुमन से पूछा कि जिस व्यक्ति को ड्राई फूड राशन का वितरण कर रही हो उस समूह की महिला कहां है। जिस पर वह सकपका गईं। और वह उस समूह का नाम और महिला अध्यक्षा का नाम तक नहीं बता सकीं। काफी देर बाद रजिस्टर में देखकर बताया कि मुस्कार स्वयं सहायता समूह गुलड़िया है जिसकी अध्यक्षा रामेंद्री शर्मा हैं। यह सिलसिला एक का नहीं है। यहां तो मनमानी तौर पर महिलाओं के विना ही पुरूषों को ही ड्राई फूड का उठान करवाना आम बात है। ऐसे में इसे नियम विरूद्ध धांधली न कहा जाये तो और क्या कहा जाये।
क्या कहते हैंं सीडीपीओ राम गोपाल
इस मामले में बाल विकास परियोजना अधिकारी राम गोपाल ने बताया कि बगैर समूह की महिला की मौजूदगी के पुष्टाहार का उठान करना नियम विरूद्ध है। और वह इस बारे में कई बार संबंधितों से कह भी चुके हैं। यदि ऐसा है तो फिर मामले की जांच कर व्यवस्था को नियमानुसार ही किया जायेगा। उन्होंने बताया कि वह मीटिंग में गये थे। और महिला बाबू को कार्यालय पर मौजूद होना बताया। लेकिन हैरत की बात यह है कि जो आंगनबाडी कार्यकत्री सुमन ड्राई फूड का वितरण कर रही थी उनके द्वारा पूछने पर महिला बाबू को अवकाश पर जाना बताया गया। इन दोनों ही मामलों में भी विरोधाभाष नजर आता रहा है।
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को कर रखा है अटैच
मीरगंज विकास क्षेत्र के अंतर्गत कुल 146 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं जिनमें से 126 केंद्रों पर ही आंगनबाड़ी कार्यकत्री ही संचालित करती हैं। और अन्य शेष बचे केंद्रों पर केवल सहायिकाओं के माध्यम से ही संचालन हो रहा है। लेकिन हैरत की बात यह है कि मीरगंज में बाल विकास परियोजना कार्यालय में एक भी सुपरबाईजर तैनात नहीं हैं। केवल एक सीडीपीओ और एक बाबू महिला ही पूरे मामले को ढोने का काम कर रहे हैं।
पूरे क्षेत्र को 06 जोन में विभाजित कर आधा दर्जन आंगनबाडियों को कार्यालय से अटैच कर खाना पूर्ति की जा रही है। तो ऐसे में क्षेत्र में संचालित बेलगाम आंगनबाड़ी केंद्रों का क्या हाल रहता होगा। वह भी सीडीपीओ पर दो विकास खंडों का कार्य भार है।