TRENDING TAGS :
'अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए PM मोदी से लें वक्त', मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी बोले
Bareilly News: मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी जब अपनी बातें कह रह रहे थे तो उनकी सबसे ज्यादा नाराजगी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड से दिखी। बोर्ड पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि, 'अब मुस्लिम समुदाय का भरोसा सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड से उठ गया है।'
Bareilly News: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात (AIMJ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी (Maulana Mufti Shahabuddin Razvi Barelvi) ने कहा है कि, 'अयोध्या में मस्जिद की बुनियाद के लिए काबा शरीफ के इमाम की बजाय प्रधानमंत्री से गुजारिश कर समय ले लिया जाता। क्योंकि, वो 22 जनवरी, 2024 को खुद अयोध्या में मौजूद होंगे।'
'मस्जिद निर्माण के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया'
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने शनिवार (16 दिसंबर) को कहा कि, 'सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) के एवज में मौजा धनीपुर जिला फैजाबाद में 5 एकड़ जमीन दी गई थी। मगर, मस्जिद निर्माण के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया। ये अफसोसनाक बात है। वहीं, दूसरी तरफ राम मंदिर बनकर तैयार हो गया है। जिसका उद्घाटन 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी करेंगे।'
मौलाना मुफ्ती- सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड से भरोसा उठ गया
मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन ने आगे कहा, 'मुस्लिमों का 'सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड' (Sunni Central Waqf Board) पर से भरोसा उठ चुका है। वक्फ बोर्ड के जिम्मेदारान पर भरोसा और ऐतमार नहीं किया जा सकता। मौलाना ने आगे कहा, मस्जिद के बुनियाद के लिए काबा शरीफ़ के इमाम की बजाय प्रधानमंत्री से गुजारिश कर समय ले लिया जाता। क्योंकि वो 22 जनवरी को खुद अयोध्या में मौजूद होंगे इसलिए धनीपुर मस्जिद में जाना उनके लिए बहुत आसान होगा। मौलाना ने आगे कहा, कई साल गुजारने के बाद भी मस्जिद के निर्माण के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। मस्जिद के नाम पर चंदा करने की अपील की जा रही है। इन तमाम बातों से भारत का मुसलमान आहत है।'
...तो आज मस्जिद का निर्माण भी पूरा हो गया होता
मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी जब अपनी बातें कह रह रहे थे तो उनकी सबसे ज्यादा नाराजगी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड से दिखी। बोर्ड पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि, 'अब मुस्लिम समुदाय का भरोसा सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड से उठ गया है। अगर, वो चाहते तो मंदिर के साथ आज मस्जिद का निर्माण भी लगभग पूरा हो गया होता।'