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Bareilly News: विपिन शर्मा ने ज्योतिष में पीएचडी के साथ हासिल किया गोल्ड मेडल,
Bareilly News: डॉ. विपिन इसका श्रेय अपने माता-पिता स्वर्गीय सुमन लता शर्मा और पिता स्वर्गीय पूर्ण चंद्र शर्मा को देते हैं। उनका कहना है कि उन दोनों के आशीर्वाद और प्रोत्साहन से ही उनमें ज्योतिष जैसे गूढ़ विषय में रुचि पैदा हुई और उन्होंने इस विषय पर शोध कर इसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से आम लोगों तक पहुंचाने का निर्णय लिया।
Bareilly News: पूर्वजन्म एवं कुंडली विश्लेषण विषय पर उदयपुर के श्री महर्षि वैदिक कॉलेज से पीएचडी की। बहुमुखी प्रतिभा के धनी बरेली निवासी पं. विपिन शर्मा ने पूर्वजन्म एवं कुंडली विश्लेषण विषय पर शोध कर ज्योतिष में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। श्री महर्षि वैदिक कॉलेज, उदयपुर, राजस्थान ने हाल ही में उन्हें पीएचडी की उपाधि के साथ स्वर्ण पदक भी प्रदान किया। ज्योतिष में शोध को बढ़ावा देने में उल्लेखनीय कार्य करने वाले आईएएमए इंटरनेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, फ्लोरिडा, यूएसए से संबद्ध श्री महर्षि वैदिक कॉलेज प्राचीन भारतीय ज्योतिष पद्धति के अन्वेषण में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। यहां से 40 हजार से अधिक स्नातक ज्योतिष की पढ़ाई कर चुके हैं।
2020 में उन्होंने पीजी डिप्लोमा कोर्स किया
आकांक्षा एन्क्लेव निवासी पं. विपिन का बचपन से ही ज्योतिष से जुड़ाव रहा है। उनके पिता स्वर्गीय पूर्ण चंद्र शर्मा जाने-माने ज्योतिषी थे। विपिन ने उनसे ही ज्योतिष का ज्ञान प्राप्त किया। बरेली कॉलेज से बीकॉम करने के बाद विपिन ने कुंडली में ग्रह-नक्षत्रों को अधिक सटीकता से समझने और जानने के लिए पिता की सलाह पर ज्योतिष की औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए श्री महर्षि वैदिक कॉलेज उदयपुर में प्रवेश लिया। 2020 में उन्होंने पीजी डिप्लोमा कोर्स किया और ए+ ग्रेड के साथ शास्त्री बन गए। वर्ष 2021 में उन्होंने ए+ ग्रेड के साथ ज्योतिषाचार्य के रूप में पीजी की डिग्री प्राप्त की। ज्योतिष में शोध के लिए पं. विपिन ने श्री महर्षि वैदिक कॉलेज में पूर्व जन्म एवं कुंडली विश्लेषण विषय पर आवेदन किया। कॉलेज द्वारा आवेदन स्वीकार किए जाने के बाद उन्होंने संकाय मार्गदर्शक डॉ. पवन परमार के मार्गदर्शन में अपना शोध कार्य पूरा किया और स्वर्ण पदक के साथ पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
ज्योतिष विषय में रुचि पैदा हुई
डॉ. विपिन इसका श्रेय अपने माता-पिता स्वर्गीय सुमन लता शर्मा और पिता स्वर्गीय पूर्ण चंद्र शर्मा को देते हैं। उनका कहना है कि उन दोनों के आशीर्वाद और प्रोत्साहन से ही उनमें ज्योतिष जैसे गूढ़ विषय में रुचि पैदा हुई और उन्होंने इस विषय पर शोध कर इसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से आम लोगों तक पहुंचाने का निर्णय लिया। शोध पूरा करने में मार्गदर्शक डॉ. पवन परमार ने काफी मदद की। हां, पीएचडी पूरी करने में दोनों भाइयों रचित और सुमित तथा पत्नी चारुल शर्मा और बेटे सार्थक शर्मा वासु का योगदान भी कम नहीं है, जिन्होंने मेरे लिए इसके लिए समय निकाल पाना संभव बनाया।
डॉ. विपिन कहते हैं कि अधिकतर लोग ज्योतिष को काल्पनिक मानते हैं और इसे अंधविश्वास की नजर से देखते हैं, जबकि यह पूरी तरह से वैज्ञानिक और गणितीय विषय है। गणना जितनी सटीक होगी, ज्योतिष में पूछे जाने वाले प्रश्न भी उतने ही सही होंगे। ज्योतिष में हमारे ऋषियों ने बहुत योगदान दिया है। प्राचीन शास्त्रों में इस विषय पर बहुत कुछ उपलब्ध है, लेकिन अधिकतर कुंडली पढ़ने वाले लोग स्वाध्याय और ज्ञान के अभाव में गणना में गलतियां कर देते हैं, इससे आम लोगों में ज्योतिष को लेकर भ्रम फैलता है। आज अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित IAMA इंटरनेशनल ओपन यूनिवर्सिटी ज्योतिष के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। देश में भी कई संस्थानों में ज्योतिष पर शोध चल रहा है। इस विषय पर निरंतर हो रहे शोध से उम्मीद है कि यह प्राचीन भारतीय ज्ञान पुनः अपने स्वर्णिम शिखर पर पहुंचेगा।