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बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई की नौकरी का मामला गरमाया, सोशल मीडिया पर चल रही है बहस

बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री सतीश चन्द्र द्विवेदी के भाई की नौकरी का मामला प्रदेश की राजनीति में गरमाता जा रहा है।

Shreedhar Agnihotri
Published on: 23 May 2021 10:03 PM IST
athish Chandra Dwivedi
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बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री सतीश चन्द्र द्विवेदी (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

लखनऊ। उत्तरा प्रदेश में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश चन्द्र द्विवेदी के भाई की नौकरी का मामला धीरे—धीरे प्रदेश की राजनीति में गरमाता जा रहा है। सोशल मीडिया से लेकर राजनीति के गलियारों तक मंत्री के भाई की ईडब्लूएस सर्टीफिकेट के आधार पर नौकरी करने को लेकर तरह तरह की चर्चाएं हो रही है। यहां तक कि मामला अब राज्यपाल की चौखट तक पहुंच गया है। वहीं बेसिक शिक्षा मंत्री ने इन सब आरोपों का पूरी तरह से खंडन किया हैं।

उल्लेखनीय है कि बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चन्द्र द्विवेदी के भाई अरुण द्विवेदी की सिद्वार्थ विश्वविविद्यालय कपिलवस्तु में असिंस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति हुई है। लेकिन सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि उनका चयन ईडब्लूएस कोटे से से हुआ है। मंत्री के भाई ने अभी शुक्रवार को ही अपनी नौकरी ज्वाइन की है। लेकिन नौकरी ज्वाइन करते ही सोशल मीडिया पर इसे लेकर बहस शुरू हो गयी कि आखिर आर्थिक रूप् से सम्पन्न द्विवेदी परिवार के सदस्य को यह नियमों के विपरीत यह नौकरी कैसे मिल गयी।

वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि इस पद के लिए डेढ़ सौ आवेदन आए थे पर चयन मेरिट के आधार पर ही हुआ है। इसमें अरुण द्विवेदी भी शामिल थे फिर पता नहीं किस बात का हो हल्ला हो रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन का यह भी दावा है कि इंटरव्यू की वीडियो रिकार्डिग भी है। जहां तक ईडब्ल्लूएस प्रमाण पत्र की बात है तो इसे स्थानीय प्रशासन जारी करता है। इसका विश्वविद्यालय प्रशासन से कोई लेना देना नहीं है।

वहीं आरटीआई एक्टविस्ट नूतन ठाकुर ने राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल से मांग की है कि वह इस मामले की जांच कराएं। उन्होंने अपने मांग पत्र में कहा है कि मंत्री के भाई पहले वनस्थली विश्वविद्यालय में नौकरी मिली फिर सिद्वार्थ विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी मिल गयी। उन्होंने राज्य पाल से तथ्यों की जांच कराने की मांग की है।

इसके अलावा बेसिक शिक्षा मंत्री का एक कथित आडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें किसी अन्य मामले में किसी प्रार्थी से झिड़ककर बात कर रहे हैं। अब इसके पीछे सच्चाई क्या है। किसी एक गुट की तरफ से मंत्री को बदनाम करने की साजिश है अथवा कुछ और पर इस मामले को हवा देने में मंत्री विरोधी लाबी पूरी तरह से सक्रिय है।



Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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