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Basti News: आजगैवा जंगल का ch 40 ,41, 45 , रिकॉर्ड गायब, बेमियादी धरने पर बैठे ग्रामीण
Basti News: बस्ती जिले में एक सनसनी मामला सामने आया है कि किसानों के खेतों का रिकॉर्ड जो तहसील स्तर पर और जिला स्तर पर रिकॉर्ड रूम में रखा जाता है, खेतों का वह महत्वपूर्ण कागज भू माफियाओं द्वारा फाड़ कर गायब करवा दिया गया है।
Basti News: गांव की चकबंदी न होने से नाराज ग्रामीण ग्राम प्रधान के साथ मिलकर अनिश्चितकालीन के लिए धरने पर बैठ गए हैं। ग्राम प्रधान ने आरोप लगाया की बस्ती जिला प्रशासन और भू माफिया की मिली भगत के कारण हमारे गांव की चकबंदी नहीं हो पा रही है, बार-बार प्रार्थना पत्र देने के बाद भी जिला प्रशासन और तहसील प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है, भू माफियाओं के दबाव में जिला प्रशासन बंदोबस्त रिकॉर्ड से ch, 40,41, 45 का पन्ना गायब कर दिया गया है, जिससे चकबंदी प्रक्रिया नहीं हो पा रही है।
बस्ती जिले में एक सनसनी मामला सामने आया है कि किसानों के खेतों का रिकॉर्ड जो तहसील स्तर पर और जिला स्तर पर रिकॉर्ड रूम में रखा जाता है, खेतों का वह महत्वपूर्ण कागज भू माफियाओं द्वारा फाड़ कर गायब करवा दिया गया है। जिसका खुलासा होने के बाद भू माफियाओं की पहुंच सत्ता के गलियारों तक होने के कारण भूमि माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही है। मामला बस्ती जिले के भानपुर तहसील के ग्राम पंचायत आजगैवा जंगल का है, जहां ग्राम पंचायत आजगैवा जंगल में चकबंदी प्रक्रिया ना होने से नाराज ग्रामीणों ने आज पंचायत भवन आजगैवा जंगल के सामने अनिश्चितकालीन के लिए ग्राम प्रधान के नेतृत्व में धरना शुरू कर दिया है। उनकी मांगें हैं कि जब तक चकबंदी प्रक्रिया चालू नहीं हो जाती, तब तक हम लोग धरने पर से नहीं उठेंगे।
ग्रामीणों ने बताया कि हमारे ग्राम पंचायत में भू माफिया द्वारा 14 00 बीघा जमीन जो कि सरकारी जमीन थी, उस जमीन को भू माफिया तहसील के कर्मचारियों से मिलकर पूरी जमीन को पट्टा कर दिया गया है। अलग-अलग व्यक्तियों के नाम जब यह मामला तत्कालीन जिला अधिकारी बस्ती रोशन जैकब के सामने पहुंचा तो उन्होंने इस प्रकरण की जांच करायी तो पता चला कि यह फर्जी तरीके से 1400 बीघा सरकारी जमीन को पट्टा कर दिया गया है, जिस पर तत्काल पट्टों को निरस्त करने का आदेश दिया गया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया।
पट्टा तो निरस्त कर दिया गया, लेकिन भू माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई जिला प्रशासन द्वारा अभी तक नहीं की गई है और तहसील कर्मचारियों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बार-बार ग्रामीण और प्रधान द्वारा जिला अधिकारी, बस्ती सहित जिले के आला अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिया गया कि दोषी जो कर्मचारी तहसील के हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए लेकिन उच्च अधिकारी अपने कर्मचारियों को बचाने में लगे रहे।
ग्राम प्रधान मधुबाला चौधरी ने बताया कि हमारे ग्राम पंचायत की चकबंदी नहीं हो रही है, जिसको लेकर हम लोग जिलाधिकारी बस्ती सहित चकबंदी विभाग के अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिए लेकिन भू माफिया के दबाव में कोई सुनवाई नहीं हुई। हम लोग ग्रामीणों के साथ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले कि हमारे ग्राम सभा की चकबंदी कर दी जाए, मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद भी हमारे ग्राम पंचायत में चकबंदी नहीं हो पा रही, जिससे हमारे ग्राम पंचायत में खेतों की जुताई करने के लिए, खेतों में पहुंचने के लिए ना तो सड़कें हैं, ना ही खेतों की सिंचाई करने के लिए नालियां हैं, जिससे जनता परेशान है। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद जब चकबंदी विभाग रिकॉर्ड रूम से ch, 41 45 रिकॉर्ड मांगा तो पता लगा कि रिकॉर्ड रूम में कोई रिकॉर्ड ही उस गांव का नहीं है, जिससे चकबंदी विभाग जब रिकॉर्ड रूम में उस गांव का रिकॉर्ड ही नहीं है तो कैसे चकबंदी प्रक्रिया चालू करे।
सबसे बड़ा सवाल है कि रिकॉर्ड रूम के अंदर किसने रिकॉर्ड को फाड़ा और गायब किया यह अपने आप में सबसे बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। वहीं ग्रामीण मांग कर रहे हैं कि तत्काल तहसील प्रशासन रिकॉर्ड चकबंदी विभाग को रिकार्ड उपलब्ध करवाये जिससे हमारे गांव की चकबंदी हो सके और अगर रिकॉर्ड नहीं मिल रहा है तो दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए अन्यथा हम लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे रहेंगे। उप जिलाधिकारी भानपुर से इस संबंध पर फोन पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रधान जी अपनी राजनीति सेक रहे हैं। इसलिए वह धरना दे रहे हैं प्रधान जी हमसे कहे कि अगर चकबंदी हमारे गांव में नहीं हुई तो मेरी प्रधानी चली जाएगी ।