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Basti News: निर्देश के बावजूद भी नाकाम हुई पुलिस, अमरमणि त्रिपाठी को नहीं ला पाई कोर्ट
Basti News: पुलिस अधीक्षक बस्ती गोपाल कृष्णा चौधरी ने बताया की हमारी टीम गई थी जो मुकदमे में निवास स्थान लिखा था, वहां अमरमणि नहीं मिले। जिससे पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा।
Basti News: बस्ती 22 वर्ष पुराने मामले में आरोपी पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी को आज बस्ती के एमपी एमएलए कोर्ट में हाजिर किया जाना था न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक बस्ती को आदेश दिया था की 1 नवंबर को बस्ती पुलिस पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी को लेकर आए और कोर्ट में प्रस्तुत करें। पुलिस अधीक्षक बस्ती गोपाल कृष्णा चौधरी ने बताया की हमारी टीम गई थी जो मुकदमे में निवास स्थान लिखा था, वहां अमरमणि नहीं मिले। जिससे पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा।
यह था पूरा मामला
मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों मेडिकल बोर्ड ने अमरमणि त्रिपाठी के उपचार विवरण को देखने के बाद स्पष्ट किया था, कि वह अवसाद ग्रस्त हैं और इस बीमारी में उन्हें न्यायालय में हाजिर किया जा सकता है। मेडिकल बोर्ड के रिपोर्ट के आधार पर गोरखपुर जेल अधीक्षक को 16 अक्टूबर को अमरमणि को बस्ती कोर्ट में प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया था। मगर वह कोर्ट में पेश नहीं किया हुए थे। इसके बाद न्यायालय ने एसपी बस्ती गोपाल कृष्ण चौधरी को आदेश दिया था, कि अमरमणि त्रिपाठी को पहली नवंबर को न्यायालय में प्रस्तुत करें। 6 दिसंबर 2001 को धर्मराज मद्धेशिया के बेटे राहुल का अपहरण हो गया था, पुलिस ने राहुल को तत्कालीन मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के लखनऊ स्थित आवास से बरामद किया था , पुलिस ने जिसमें अमरमणि त्रिपाठी सहित 9 आरोपियों को को मुलजिम बनाया गया था आरोपियों द्वारा न्यायालय में हाजिर नहीं हुये।
अपराहन कांड की पत्रावली 11 फरवरी, 2003 से हाजिरी में चल रही है। विशेष सत्र न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट प्रमोद कुमार गिरि ने अमरमणि के स्वास्थ्य की जानकारी के लिए 17 अगस्त को सीएमओ गोरखपुर को मेडिकल बोर्ड गठित कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया था।
सीएमओ गोरखपुर की अध्यक्षता में गठित बोर्ड ने सौंपा था रिपोर्ट
सीएमओ गोरखपुर की अध्यक्षता में गठित बोर्ड ने 11 सितंबर, 2023 की रिपोर्ट के अनुसार अमरमणि का उपचार उत्तर प्रदेश चिकित्सा परिषद के मार्गदर्शन में चल रहा है। अभियुक्त अमरमणि त्रिपाठी का डिप्रेशन का इलाज किया किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी गोरखपुर के मेडिकल बोर्ड की आख्या का अवलोकन कोर्ट ने करने के बाद रिपोर्ट के आधार पर आदेशित किया की मात्रा डिप्रेशन के आधार पर किसी अभियुक्त को न्यायालय आने से अवमुक्त नहीं किया जा सकता है।