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Basti News: गांव के चारों ओर पानी ही पानी, घाघरा की जद में गुजर रही गांव वालों की जिंदगी

Basti News: जनपद बस्ती में घाघरा नदी का जल स्तर बढ़ने लगा है जिसका प्रभाव अब आस-पास के गांवों में दिखने लगा है। ग्रामीणों के लिए नाव की व्यवस्था कर दिया गया है साथ ही मवेशियों के लिए चारे की भी व्यवस्था की जा रही है।

Amril Lal
Report Amril Lal
Published on: 10 July 2024 7:31 PM IST (Updated on: 12 July 2024 1:17 PM IST)
Due to rising water level of Ghaghra river in Basti, nearby villages are flooded
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बस्ती में घाघरा नदी का जल स्तर बढ़ने से आस-पास के गांवों में भरा पानी: Photo- Newstrack

Basti News: उत्तर प्रदेश के जनपद बस्ती में घाघरा नदी का जल स्तर बढ़ने लगा है जिसका प्रभाव अब आस-पास के गांवों में दिखने लगा है। समय बदला, सत्ता बदली, जमाना बदला लेकिन नहीं बदला तो सिर्फ सुविखा बाबू गांव के लोगों की जिंदगी। हम बात कर रहे हैं बस्ती जनपद के एक ऐसे गांव की जिसके चारों ओर पानी ही पानी है। यह कोई पहला वाकया नहीं है। इस गांव वालों के नसीब में ही हर साल यह महीना पानी का होता है। यह गांव बंधे से दो किलोमीटर अंदर घाघरा नदी के जद में आ गया है।


मौत के साए में गुजरता है जुलाई का महीना

आपको बता दें कि जनपद मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर दुबौलिया विकासखंड के सुविखा बाबू गांव जहां के लोगों का नसीब ही पानी-पानी हो गया है। साल का यह जुलाई का महिना इस गांव के लोगों के लिए बड़ी मुसीबतों वाला होता है और मौत के साए में जुलाई का महीना गुजरता है।


जैसे ही घाघरा का जलस्तर बढ़ता है यह गांव पानी के आगोश में आ जाता है। गांव से तकरीबन दो किलोमीटर नाव के सहारे चलकर यह लोग बंधे पर पहुंचते हैं।


प्रशासन अभी तक इन ग्रामीणों के लिए सिर्फ नाव की ही व्यवस्था कर पाया है। यहां के नौनिहालों को स्कूल जाने के लिए नाव का ही सहारा लेना पड़ता है। वही इस गांव के जो मवेशी हैं उनके लिए भी संकट की घड़ी होती है क्योंकि चारों तरफ पानी ही पानी तो चारे के समस्या आ जाती है। यह हर साल की कहानी है इन ग्रामीणों की।


मवेशियों के लिए चारे की भी व्यवस्था की जा रही- एडीएम

वही निरीक्षण करने पहुंचे एडीएम प्रीति पाल चौहान ने बताया कि तत्काल इन ग्रामीणों के लिए नाव की व्यवस्था कर दिया गया है साथ ही मवेशियों के लिए चारे की भी व्यवस्था की जा रही है। गांव में स्वास्थ्य टीम भेजी जा रही हैं और जो भी प्रशासन से हो पा रहा है इनके लिए किया जा रहा है।

Shashi kant gautam

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