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रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा- कैग रिपोर्ट से पहले पता था कि खाने की क्वालिटी ठीक नहीं

ट्रेन में खाने की गुणवत्ता सबसे बड़ा सवाल और रेलवे के लिए सरदर्द बना हुआ है। पहले CAG (comptroller and auditor general of india) की रिपोर्ट और फिर पूर्वा एक्सप्रेस में खाने में छिपकली मिली।

priyankajoshi
Published on: 29 July 2017 2:28 PM GMT
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा- कैग रिपोर्ट से पहले पता था कि खाने की क्वालिटी ठीक नहीं
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वाराणसी : ट्रेन में खाने की गुणवत्ता सबसे बड़ा सवाल और रेलवे के लिए सरदर्द बना हुआ है। पहले CAG (comptroller and auditor general of india) की रिपोर्ट में खाने की क्वालिटी को लेकर और फिर पूर्वा एक्सप्रेस में खाने में छिपकली मिली। इसके बाद अब रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ये बताते है कि 'हमें पहले से ही पता है कि रेलवे का खाना ठीक नहीं है। रेलवे पेंट्री कार में 11 लाख मील पर डे देता है बाकी हमारी यूनिट से 4 लाख मील हम देते है यानी लगभग 14 लाख मील की सप्लाई प्रतिदिन होती है।

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि संसाधनों की कमी की वजह से खाने की गुणवत्ता में कमी है। ठेकेदार बाहर से खाने का सामान मंगवाते है, जिससे खाने की क्वालिटी गिरती है। सबसे ज्यादा बेस किचन की कमी है। इसलिये हम बेस किचन अब ज्यादा से ज्यादा मात्रा में तैयार करवा रहे है आने वाले एक से डेढ़ साल के अंदर ये कमी दूर हो जाएगी।

ई कैटरिंग भी होगा शुरू

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि खास तौर पर रेलवे ई फूड के तहत ई कैटरिंग शुरू करने वाले है ताकि यात्री जो चाहे वो ऑनलाइन आर्डर कर मंगवा सके। हर स्टेशन पर यात्री जो खाना चाहते है वो उन्हें प्राप्त होगा। ई कैटरिंग से सबसे ज्यादा सुधार होगा। इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि बनारस स्टेशन आने वाले एक साल में बिल्कुल बदला हुआ और आधुनिक नजर आएगा।

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ट्रेन के लेट होने पर क्या कहा?

इसके अलावा रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने ट्रेन के लगातार लेट होने पर कहा कि इसका भी हल जल्दी निकालना मुश्किल है। हम राजधानी और शताब्दी वाली ट्रेनों को प्रॉयोरटी देते है। हमारे पास 16% रूट किलोमीटर है मगर गाड़िया 60% पर चलती है। ट्रैक्स जितने है उससे कई गुना ज्यादा गाड़िया है इसलिए ट्रेनों का लेट होने स्वाभाविक हो जाता है। बनारस में गुड्स रूट डायवर्जन लाइन बना रहे है ताकि गुड्स ट्रेन बिना पैसेंजर ट्रेन या यार्ड को बिना डिस्टर्ब किए हुए निकल जाए। इसके अलावा ट्रैक्स की सुरक्षा पर उन्होंने कहा कि ट्रैक्स में जब तक दोनों तरफ बाउंड्री नही होगी तब तक पूरी तरह ट्रैक्स को सिक्योरिटी देना संभव नहीं है।

प्लेटफॉर्म होंगे इम्प्रूव

वाराणसी रेलवे स्टेशन के बारे में उन्होंने कहा की बनारस रेलवे स्टेशन में बहुत तेजी से काम हो रहा है और एक साल के अंदर देखेंगे बहुत सारा कुछ बदला हुआ नजर आएगा। प्लेटफॉर्म इम्प्रूव होंगे। हर एक प्लेटफॉर्म लिफ्ट और स्लेटर से कनेक्ट होंगे। मुझे लगता है कि मुझे बनारस लगतार आना पड़ेगा ताकि काम और अच्छे तरीके से हो ।सभी जगह काम बहुत तेजी से चल रहा है। ओवरहाल बनारस स्टेशन बदल रहा हैऔर बुलेट ट्रेन के बारे में उन्होंने कहा की 2022 तक बुलेट ट्रेन ट्रैक पर दौड़ती हुई नजर आएगी।

बहरहाल रेल मंत्रालय कुछ भी कहे पर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने ये साफ कर दिया है कि रेलवे में अच्छा खाना और ट्रेन के सही समय आने लिये यात्रियों को लंबा इंतजार करना पड़ेगा।

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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