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बेटी बोली-जांबाज सिपाही थे पापा, मौत से पहले ये थे उनके आखिरी शब्द
लखनऊ: चारों तरफ से गोलियों की आवाजें सुनाई पड़ रही थीं। तंजील ने शायद मौत को भांप लिया था। अचानक हुए इस हमले में उन्हें संभलने तक का मौका नहीं मिला। तंजील ने अपने बच्चों से कहा हेडडाउन...मौत से पहले उनके मुंह से निकले ये आखिरी शब्द थे। इस तरह जांबाज सिपाही ने दो जिंदगियां बचा ली।
सीएम ने दिए 20 लाख
यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने तंजील अहमद के आश्रितों को सोमवार को 20 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की। उन्होंने परिजनों को भरोसा दिलाया कि प्रदेश सरकार उनके साथ है। साथ ही उन्होंने तंजील अहमद के परिवार को पूरी सुरक्षा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने डीजीपी जावीद अहमद को भी यह निर्देश दिए कि इस घटना की जांच कर रही एजेंसियों को पूरा सहयोग और सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं, ताकि इस वारदात को अंजाम देने वालों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करके उन्हें कड़ी सजा दिलाई जा सके।
तंजील की बेटी जिमनिश की जुबानी...
मौत से महज चंद मिनट पहले जिंदगी का सफर अच्छा चल रहा था। पापा हमारे साथ बहुत खुश थे। हम एक शादी समारोह से वापस लौट रहे थे। कार की ड्राइविंग सीट पापा थे और पास वाली सीट पर मम्मी फरजाना खातून थी। दोनों आपस में बात कर रहे थे। मैं और भाई शाहबाज पीछे की सीट पर बैठे थे।
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गाड़ी अभी बिजनौर के सहसपुर मे एंट्री करने वाली थी तभी सड़क पर बन रही नाली पर पापा ने रफ्तार धीमी की। मुंह पर कपड़ा बांधे लेफ्ट साइड से बाइक पर सवार दो लोग आए और मम्मी की साइड से खिड़की पर गोलियां चलानी शुरू कर दी।
दस मिनट तक चलती रहीं गोलियां
खतरे को करीब देख पापा ने कहा-हेडडाउन तो मैं और भाई शाहबाज सीटों के नीचे छिप गए। तकरीबन दस मिनट तक ताबड़तोड़ गोलियां चलती रहीं। हम बहुत डरे हुए थे थोड़ी देर बाद गोलियों की आवाज खत्म हो गई तो देखा कि पापा खून से लथपथ पड़े थे। इतना कहते ही तंजील की बेटी जिमनिश करीबा रो पड़ती है।
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दहशत से था बुरा हाल
यह बताते हुए उसकी आंखों में आंसुओं के साथ-साथ दहशत साफ दिखाई देती है। जिमनिश ने बताया- गोलियां चलने के बाद पापा ने मां की गोद में नीचे झुककर बचने का प्रयास किया। पांच मिनट बाद पीछे से बड़े ताया की कार आ गई। मम्मी को भी गोलियां लगी थीं और उनके भी खून निकल रहा था। भाई और मेरा दहशत से बुरा हाल था।
तंजील के भाई ने क्या कहा...
तंजील के बड़े भाई रागिब ने बताया कि उनके बेटे आरिश ने जब कार खड़ी देखी तो रोकने को कहा। जाकर देखा तो दोनों बच्चे बदहवासी में चीख रहे थे। कार के शीशे बंद थे। दहशत के कारण बच्चे कार से बाहर तक नहीं निकले थे। इसके बाद रागिब भाई को लेकर थाने पहुंचे और परिजनों को मामले की सूचना दी।
परिवार में मचा कोहराम
तंजील के माता-पिता की मौत पहले ही हो चुकी थी। दोनों भाई ओखला के शाहीन बाग के कालिंदी कुंज में रह रहे थे। बड़े भाई रागिब टीचर हैं, जबकि तंजील की पत्नी बटला हाउस जोगाबाई में पढ़ाती हैं। पोस्टमार्टम हाउस में पूरे परिवार के चेहरे पर दहशत दिखाई दी। दो बजे जब शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा गया तो कोहराम मच गया।
बिजनौर सीओ धामपुर अशोक कुमार यादव ने क्या कहा
स्योहारा पुलिस ने तंजील अहमद के भाई रागिब अहमद की तहरीर पर दो अज्ञात हत्यारों के खिलाफ हत्या और जानलेवा हमले की रिपोर्ट दर्ज कर ली है। जांच एजेंसियों ने स्योहारा से सहसपुर के बीच सीसीटीवी कैमरे की खोजबीन शुरू की तो स्योहारा-सहसपुर रोड पर एमएम पब्लिक सेकेंड्री स्कूल पर कैमरा लगा मिला।
इसकी फुटेज खंगाला गया तो, आधी रात के समय दो संदिग्ध बाइक नजर आई। जांच एजेंसी ने फुटेज को कब्जे में ले लिया है। हालांकि फुटेज साफ नहीं है। मगर दो बाइक जाती दिखाई दी है। आशंका है कि बाइक हमलावरों की हो सकती हैं। फुटेज को स्पष्ट करने के लिए लैब में भेजा जा रहा है।