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Coronavirus: वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जेल में टीकाकरण पर दिया गया जोर
45 से 60 वर्ष तक के सभी बन्दियों को वैक्सीन की दोनों डोज लग गयी
जौनपुर। उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी को रोकने के लिए अथक प्रयास किये जा रहे हैं जिसमे वैक्सीनेशन पर खासा जोर दिया जा रहा है। महामारी को देखते हुए जेल में बंद बन्दियों को विधिक जानकारी प्रदान करने हेतु सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, शिवानी रावत की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का आयोजन किया गया। इस समय 06 कोविड मरीज हैं जिन्हें अलग बैरक में आइसोलेट किया गया है और उनकी उचित देख रेख की जा रही है तथा कोरोना से संबंधित प्रोटोकाॅल भी फाॅलो किये जा रहे हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार एवं जनपद न्यायाधीश अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जौनपुर के अनुमति से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्ववाधान में बन्दियों को विधिक जानकारी देने के लिए सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, शिवानी रावत की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला कारागार, जौनपुर का वर्चुवल निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डिप्टी जेलर, सुनील दत्त मिश्रा, जेल पीएलवीगण दीपक, सुरेन्द्र, विमल, विकास व त्रिभुवन यादव एवं अन्य पुरूष एवं महिला बन्दीगण उपस्थित रहे।
वैक्सीनेशन पर जोर
प्राधिकरण की सचिव शिवानी रावत द्वारा इस अवसर पर पूछे जाने पर डिप्टी जेलर द्वारा बताया गया कि वर्तमान में कुल 1027 बन्दी जेल में हैं, जिसमें से 52 महिला बन्दी हैं, तथा 03 महिला बन्दियों की अवस्था 60 वर्ष से अधिक है। महिला बन्दियों के साथ रह रहे 06 बच्चों के खानपान, शिक्षा, खेलकूद एवं उचित देखभाल इत्यादि हेतु जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया। वैक्सीनेशन के सम्बन्ध में बताया गया कि 45 से 60 वर्ष तक के सभी बन्दियों को वैक्सीन की दोनों डोज लगा दी गयी है। 18 से 44 वर्ष के बन्दियों का टीकाकरण अभी नहीं हो सका है, जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से सम्पर्क समन्वय स्थापित कर वैक्सीनेशन कराया जाना सुनिश्चित करें।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यह भी बताया गया कि वर्तमान में 06 कोविड मरीज हैं जिन्हें अलग बैरक में आइसोलेट किया गया है। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण (कोविड-19) की द्वितीय लहर से सुरक्षा के नियमों यथा उचित सामाजिक दूरी बनाये रखने, मास्क का प्रयोग एवं नियमित अन्तराल पर सेनेटाइजर अथवा साबुन से हाथ धोने इत्यादि के बारे में बताया गया। गरीब, असहाय एवं अक्षम बन्दियों के वादों में पैरवी हेतु निःशुल्क अधिवक्ता प्रदान कराए जाने की योजना के बारे बताया गया साथ ही साथ कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु आवश्यक सामग्री, साफ-सफाई एवं किसी बन्दी के बीमार होने पर तुरन्त चिकित्सक से इलाज की व्यवस्था कराये जाने हेतु जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया।
अंतरिम जमानत एवं पैरोल के सम्बन्ध में पूछे जाने पर बताया गया कि अब तक 91 पुरूष एवं 07 महिला बन्दियों सहित कुल 98 बन्दियों को 60 दिन की अंतरिम जमानत तथा 07 बन्दियों को पैरोल पर रिहा किया गया। जेल पीएलवी गण को निर्देशित किया गया कि उक्त योग्य प्रकरणों में कोई भी बन्दी प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करना चाहते हैं तो उनके प्रार्थना पत्र प्राथमिकता के आधार पर तैयार कराना सुनिशिचत करें, बन्दियों द्वारा अन्य किसी प्रकार की समस्या होना नहीं बताया गया।