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डॉ कुरील के रिसर्च पेपर को बेस्ट पेपर और डॉ सुनील के वीडियो को बेस्ट वीडियो का खिताब

देश में पहली बार आयोजित की गयी इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑफ पीडियाट्रिक यूरोलॉजी में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एसएन कुरील की रिसर्च को बेस्ट पेपर के अवार्ड से सम्मनित किया गया है।

Manali Rastogi
Published on: 22 Dec 2018 2:45 PM IST
डॉ कुरील के रिसर्च पेपर को बेस्ट पेपर और डॉ सुनील के वीडियो को बेस्ट वीडियो का खिताब
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डॉ कुरील के रिसर्च पेपर को बेस्ट पेपर और डॉ सुनील के वीडियो को बेस्ट वीडियो का खिताब

लखनऊ: देश में पहली बार आयोजित की गयी इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑफ पीडियाट्रिक यूरोलॉजी में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एसएन कुरील की रिसर्च को बेस्ट पेपर के अवार्ड से सम्मनित किया गया है।

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इसके साथ ही इस अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डॉ कनौजिया सुनील के वीडियो को सिडनी के जाने माने विशेषज्ञ ग्राहम स्मिथ और यूएसए के एंड्रयू किर्श ने बेस्ट वीडियो के खिताब से नवाजा है। यह अंतरराष्‍ट्रीय कॉन्‍फ्रेंस बीते 14 से 16 दिसम्‍बर तक नयी दिल्‍ली में आयोजित की गयी थी।

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यहां एक पत्रकार वार्ता में यह जानकारी देते हुए प्रोफेसर एसएन कुरील ने बताया कि इस बीमारी में बच्चों (लड़कों) की पेशाब लीक होने की समस्या हो जाती है, जिसे “epispadias” कहा जाता है।

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उन्होंने बताया कि उनके द्वारा प्रयोग की गई नई तकनीक के बाद इस बीमारी से पूर्ण रूप से मरीज को लाभ मिलता है। इससे पहले इस बीमारी में होने वाले ऑपरेशन में लिंग के पास स्थित मांसपेशिया और नस कट जाया करती थी और पेशाब लीक होने की समस्या दोबारा शुरू हो जाती थी।

प्रोफेसर एसएन कुरील ने बताया कि पहली बार इस तरह की सर्जरी में नई तकनीक का प्रयोग किया गया और तंत्रिकाओं को बिना नुकसान पहुंचाए सफल ऑपरेशन किया गया। इसके बाद मरीज को पेशाब करने पर पूर्ण नियंत्रण था और वह पूर्णतया स्वस्थ हो जाता है।

उन्होंने बताया कि आम आदमी में पेशाब करने का रास्ता लिंग के शीर्ष पर होता है, लेकिन ऐसे मामले में यह पीछे की तरफ होता है, जिसकी वजह से पेशाब लगातार लीक होता रहता है। इससे पूर्व इस ऑपरेशन को करते समय पेशाब नियंत्रित करने की मांसपेशी और लिंग में तनाव पैदा करने वाली नस को नुकसान पहुंच जाता था।

उनके द्वारा प्रयोग किए गए इस नए तरीके को अमेरिका के हॉवर्ड मेडिकल स्कूल, बोस्टन के स्टुअर्ट बाउर ने परखा को इसे सर्वश्रेष्ठ शोध घोषित किया। उन्होंने बताया कि यह बीमारी हर 30 हजार बच्चों में से किसी एक बच्चे को होती है। यह ऑपरेशन लगभग 5 से 6 घंटे में पूरा होता है। इस रिसर्च में सहयोग करने वाली टीम में डॉ एसएन कुरील के साथ डॉ के सुनील, डॉ ए गुप्ता तथा डॉ वी बोथरा शामिल थे।

इस कान्फ्रेंस में ही डॉ के सुनील द्वारा तैयार और प्रस्तुत किए गए फीमेल इक्स्ट्रॉफी (FEMALE EXSTROPHY) को सर्वश्रेष्ठ वीडियो के सम्मान से नवाजा गया। इस बीमारी में लड़कियों में नियमित रूप से पेशाब लीक होता रहता है और उसमें से गंध आती रहती है।

मगर डॉ के सुनील द्वारा इस पर किए गए रिसर्च एवं इलाज के वीडियो को इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सर्वश्रेष्ठ वीडियो का खिताब दिया गया है। इस वीडियो को तैयार करने वाली टीम में डॉ के सुनील के साथ प्रो. एसएन कुरील डॉ ए गुप्ता तथा एनेस्थीसिया टीम में डॉ जीपी सिंह एवं डॉ विनीता सिंह शामिल थीं।

इस अवसर पर केजीएमयू के कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट ने डॉ के सुनील द्वारा संस्थान का गौरव बढ़ाए जाने पर उन्हें बधाई देते हुए कहा कि उम्मीद है कि वह भविष्य में इसी प्रकार से चिकित्सा संस्थान का गौरव बढ़ाने का कार्य जारी रखेंगे।



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