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‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' के नाम पर हो रहा है बेटियों के साथ धोखा!

Gagan D Mishra
Published on: 2 Sept 2017 5:04 AM IST
‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नाम पर हो रहा है बेटियों के साथ धोखा!
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‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' के नाम पर हो रहा है बेटियों के साथ धोखा!

सुल्तानपुर: बीजेपी सांसद वरुण गांधी के संसदीय क्षेत्र में खुद उनकी ही पार्टी के 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' नारे को स्कीम का रूप दिए जानें का मामला प्रकाश में आया है। बकायदा स्कीम के तहत एक फार्म मार्केट में बेंचा जा रहा है, बेटियों को बताया गया है कि सरकार उन्हें दो लाख रुपए देगी। इस ख़बर को सुनने के बाद से पोस्ट आफिस में पखवारे भर से हज़ारों बेटियों ने फार्म भर डाले वहीं जिला प्रशासन से लेकर बीजेपी की विंग इसे फ्राड बता रही है। दोनों ही ओर से बताया गया है कि इस बारे में शासन की ओर से कोई गाइड लाइन नहीं आई है। इसके बाद बड़ा सवाल ये है के आखिर इतना बड़ा फ्राड किस आधार पर अमलीजामा पहन गया।

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Newsrack.com की ने की पड़ताल तो ये बातें आई सामने

newstrack.com की टीम हेड पोस्ट आफिस पहुंची, सैकड़ों की ज्यादा की संख्या में बेटियाँ फार्म भर रही थी। टीम ने फार्म भरती हुई शिल्पी से सवाल किया कि आप ये फार्म क्यों भर रहीं? जवाब मिला सरकार चाहती है बेटियां पढ़े इसलिए वो 2 लाख रुपए दे रही। किसने आपको बताया कि ऐसी स्कीम आई है? जवाब मिला बहुत सारी फ्रैन्ड फार्म भर रही थी इसलिए मैं भी भर रही। स्कूल में भी ये कहा कि ऐसा फार्म मार्केट में आया है जिसे आप सब भरें।

यहीं पर फार्म भर्ती हुई साहिबा बानो मिल गई उनसे भी मालूम किया गया कि आप क्यों फार्म भर रहीं? जवाब दिया भाई ने कहीं सुना था कि फार्म भरा जा रहा है, आगे पढ़ने के लिए पैसे मिलेंगे इसलिए भर रही।

उसरा निवासी बताती हैं कि प्रधान ने बताया कि सरकार 8 साल से 32 साल की लड़कियों को पढ़ाई के लिए पैसे दे रही है इसलिए वो फार्म भरने आई हैं। पूछा गया फार्म आपको कहां से मिला? जवाब मिला पोस्ट आफिस के बाहर फोटो स्टेटस की दुकानों पर उपलब्ध है।

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सरकार को बदनाम करने की साजिश: पूजा कसौधन

इस बाबत बीजेपी 'बेटी बचाओ-बेटी पढाओ' विंग की प्रभारी पूजा कसौधन से मुलाकात कर बातचीत किया गया कि क्या सरकार ने ऐसी किसी स्कीम को लागू किया है? उन्होंने जवाब में कहा कि ऐसी कोई भी स्कीम सरकार की ओर से नहीं आई है। जब उन्हें बताया गया कि पोस्ट आफिस में इस तरह बेटियों की भीड़ लगी है और फार्म भरे जा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि ये सरकार को बदनाम करने की साजिश है।

पोस्ट आफिस कर्मचारी ने बताया अब तक हज़ारों फार्म दिल्ली के लिए हुए पोस्ट

वहीं पोस्ट आफिस के कर्मचारी ने बताया कि पिछले एक पखवारे से यहां बेटियों की लम्बी कतारें लग रही हैं, ये सभी बाहर दुकानों से फार्म परचेज़ करती हैं, उसको भरने के बाद दिल्ली के एड्रेस पर बाई स्पीड पोस्ट या रजिस्ट्री भेजती हैं। कर्मचारी ने बताया कि स्पीड पोस्ट का शुल्क 41 रुपए है और रजिस्ट्री का शुल्क 27 रुपए। कर्मचारी ने बताया कि अब तक कई हज़ार फार्म भेजे जा चुके हैं जिनमें से कोई फार्म वापस लौट के भी नहीं आए हैं। जब कर्मचारी से ये पूछा गया कि इतनी बड़ी संख्या में फार्म कैसे भरे गए तो उसने बताया कि दरअसल फार्म जमा होने में कोई शुल्क नहीं लग रहा।

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डीम बोले मंत्री के फोन से मिली थी सूचना

उधर जब इस मामले में डीएम हरेंद्रवीर सिंह से बातचीत किया गया तो उन्होंने कहा कि हाँ इस मामले में उनके पास समाज कल्याण मंत्री का फोन आया था कि ऐसे फार्म भरवाए जा रहे हैं, जिसके बाद हमने DIOS से पूछा था। उन्होंने बताया था कि हमारे यहां ऐसी कोई योजना संचालित नहीं है और न ही कोई शासन का निर्देश है। डीएम ने कहा कि अब मैं देखूंगा के कौन गुमराह कर रहा है। उन्होंने ये भी कहा की जांच कराकर कार्यवाई की जाएगी।

फ्राड पर सवाल दर सवाल

इस पूरे घटना क्रम और सवालो-जवाब के बाद कई सारे सवालिया प्रश्न उठ खड़े हुए हैं। जैसे की 15 दिनों से ये फर्जीवाडा चल रहा है और शहर में रहने वाली बेटी बचाओ-बेटी पढाओ विंग की प्रभारी को इसकी ख़बर तक नहीं लगी। फार्म पर प्रधान की मुहर लग रही है आखिर प्रधानों ने मुख्यालय पर बैठे अधिकारियों से सम्पर्क साध सच्चाई का पता क्यों नहीं लगाया? हैरत की बात तो ये है कि उक्त मामले की जानकारी डीएम को सरकार के मंत्री फोन कर देते हैं, तब मामला उनके संज्ञान में आता है। हालांकि पोस्ट आफिस और वो दुकानें जहां से फार्म बेंचे जा रहें हैं इन सबकी दूरी डीएम आफिस से यही कोई 10 से 15 क़दम की है फिर कैसे उन्हें जानकारी नहीं मिल सकी? लाजिम सवाल है कि जब जिले के मुखिया को नाक के नीचे हो रहे फ़र्जीवाड़े का ज्ञान नहीं दो जिले के अंदर क्या एक्टिविटी है उसकी ख़बर तो उनको होने से रही। अंत में दिमाग़ में कौंधने वाला सवाल ये कि 15 दिनों से दिल्ली के जिस एड्रेस पर फार्म डाक के ज़रिए जा रहे और लौट कर नही आ रहे जबकि स्कीम फर्जी है तो ये तय है कि दिल्ली में कुछ ऐसे रैकेटियर बैठे हुए हैं जिन्होंने अपने फ्राड के तार यहां तक जोड़ रखे हैं। अगर अधिकारी और बीजेपी के लोग इस पर वर्क करें तो निश्चित ही एक बड़े स्कैंडल का पर्दाफाश होगा।

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Gagan D Mishra

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