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Bhadohi Nagar Nikay Chunav 2022: नगर पालिका परिषद गोपीगंज- टूटेगा वर्चस्व या रहेगा बरकरार
Bhadohi Nagar Nikay Chunav 2022: पिछले बीस वर्ष से एक ही परिवार का वर्चस्व इस पद पर बना हुआ है। क्या इस बार भी यह कायम रहेगा या बदलाव होगा यह तो चुनाव के बाद ही सामने आयेगा।
Bhadohi Nagar Nikay Chunav 2022: नगर पालिका परिषद गोपीगंज की सीट 15 वर्ष बाद महिला के लिए आरक्षित घोषित हुई है और चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है। पिछले बीस वर्ष से एक ही परिवार का वर्चस्व इस पद पर बना हुआ है। क्या इस बार भी यह कायम रहेगा या बदलाव होगा यह तो चुनाव के बाद ही सामने आयेगा फिलहाल दावेदार अपनी पत्नी या सगे संबंधी को आगे कर जन समर्थन हासिल करने मे लगे हुए। वैसे इस सीट पर नजर डालें तो 29 सितंबर 1950 को नगर क्षेत्र पंचायत के रुप अस्तित्व मे आया। गोपीगंज 1981 मे नगर पालिका बना और 13 नवंबर1981को गोपीगंज नगर पालिका परिषद घोषित किया गया शुरुआती दौर में तत्कालीन उप जिलाधिकारी रहे इष्टदेव प्रसाद राय को यहां का प्रशासक नियुक्त किया गया जिनका कार्यकाल लगभग तीन वर्ष का रहा। उनके बाद ब्रह्मानंद सरोज आर बी सिंह हिरालाल प्रभारी अधिकारी रहे।
इमरजेंसी के बाद नगर पालिका चुनाव में 29 नवंबर 1988 जीत हासिल कर मन्नीलाल विश्वकर्मा अध्यक्ष बने जो अविश्वास प्रस्ताव के चलते 25 जुलाई 1990 तक इस पद पर रह सके और यहा का प्रशासक उप जिलाधिकारी सुधीर कुमार को नियुक्त किया गया 21-8 -88 के बाद लक्ष्मण प्रसाद को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया 27-5-1992 को उप चेयरमैन रहे आजाद अख्तर को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया जो 17 जनवरी 1992 तक नगर पालिका का काम काज करते रहे। दूसरी बार 1995 मे हुए चुनाव मे जीत दर्ज कर प्रहलाददास गुप्त अध्यक्ष बने जो 1-12- 2000 तक इस पद पर विराजमान रहे।
इसके बाद हुए चुनाव मे अध्यक्ष पद महिला के लिए आरक्षित हो गया जिसमें जीत हासिल कर प्रहलाद दास गुप्त की पत्नी प्रभावती देवी पहली महिला अध्यक्ष बनीएवर्ष 2006 के चुनाव में उनके बड़े भाई आशाराम गुप्त अध्यक्ष निर्वाचित हुए 2012के चुनाव में जीत हासिल कर प्रहलाद दास फिर अध्यक्ष बन गये जो 2017 के चुनाव मे भी जीत दर्ज किया जो अब तक अध्यक्ष बने हुए हैं।
12 जनवरी को उनका कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। अब एक बार फिर होने वाले चुनाव पर लोगों की नजर लगी हुई है। 15 वर्ष बाद अध्यक्ष पद महिला के लिए आरक्षित किया गया है चुनाव काफी दिलचस्प होना तय हैं जिसमें पूर्व के कुछ धुरंधर तो कुछ नए प्रत्याशी भी दिखाई देंगे। आरक्षण सूची प्रकाशन के बाद चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है।