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Bhadohi news: जिपं अध्यक्ष भदोही सीट पर भाजपा विधायक ने दिखाए बगावती तेवर, भाई को निर्दलीय जिताया
समाजवाद का निर्दलीय प्रत्याशी अनिरुद्ध त्रिपाठी ने ढहाया किला
भदोही। प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सूबे की सत्ता का सेमीफाइनल माने जा रहे जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने भले ही 75 जिलों में से 67 जिलों में अपना जलवा कायम किया हो लेकिन भदोही जिले में निर्दलियों ने अपना कब्जा जमाया है। इससे यह साफ जाहिर होता है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भदोही की सीटों पर बीजेपी को अपना कब्जा बनाए रखना मुश्किल हो सकता है। जिपं अध्यक्ष चुनाव को लेकर भाजपा दो खेमों में बंट गई। दिग्गज भाजपा विधायक के साथ हो गए। जबकि अमित सिंह भाजपा समर्थित थे। फिर भी भाजपाइयों ने अमित सिंह का साथ छोड़कर भाजपा से विधायक रविंद्र त्रिपाठी के भाई अनिरुद्ध त्रिपाठी (निर्दलीय) के साथ हो गए। जिससे भाजपा को अपने ही पार्टी के विधायक के भाई अनिरुद्ध त्रिपाठी के सामने घुटने टेकने पड़े और भारतीय जनता पार्टी को मजबूर होकर अमित सिंह से अपना समर्थन वापस लेना पड़ा। इस बागी तेवर व भितरघात को देखते हुए यह लग रहा है की मानों सूबे के मुखिया व संगठन का भदोही जनपद में अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं पर बिल्कुल कमांड नहीं है। जिसका खामियाजा इनको 2022 के विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है।
वहीं राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बीजेपी से वर्तमान विधायक रविंद्र नाथ त्रिपाठी ने अपने पद व सत्ता की हनक दिखाकर बीजेपी उम्मीदवारों को जिला पंचायती चुनाव हरवाया है। इन्होंने पार्टी का साथ न देकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे भाई भतीजे का साथ दिया जिससे वह पार्टी को कमजोर व खुद को मजबूत किया है। जिसका जीता जागता प्रमाण वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष उनका भाई निर्दलीय अनिरुद्ध त्रिपाठी हैं।
दो धड़ों में बंट गई थी भाजपा
चुनाव को लेकर पार्टी दो भागों में विभाजित हो गई थी। एक धड़ा पार्टी के बड़े नेता व संगठन के लोग अमित सिंह का समर्थन कर रहे थे जबकि दूसरा भाजपा विधायक रविंद्र नाथ त्रिपाठी व कुछ भितरघाती नेता मिलकर निर्दलीय अनिरुद्ध त्रिपाठी के साथ रहे। इस हालात में भाजपा बेहद असमंजस में थी। मजबूरन पार्टी को अपने ही पार्टी से विधायक के सामने घुटने टेकने पड़े। जिसकी वजह से भारतीय जनता पार्टी को अंततः अपने पार्टी अधिकृत उम्मीदवार अमित सिंह से समर्थन वापस लेना पड़ा। जिसके बाद से ही माना जा रहा था कि भाजपा विधायक रविंद्रनाथ त्रिपाठी के भाई निर्दलीय अनिरुद्ध त्रिपाठी का पलड़ा भारी है। इस जीत के बाद विधायक रविन्द्रनाथ त्रिपाठी एक मजबूत वाद को लेकर नेता के रुप में भी उभरे हैं। इस चुनाव का भविष्य में पूर्वांचल की राजनीति पर भी पड़ेगा।
बाहुबली विधायक विजय मिश्र का तोड़ा तिलिस्म
जिला पंचायत अध्यक्ष पर कब्जा करने के बाद भाजपा विधायक रविंद्रनाथ त्रिपाठी ने खुद को एक राजनीति के मजे हुए खिलाड़ी के रूप में सिद्ध किया है। उन्होंने पूर्वांचल की राजनीतिक के मझे हुए खिलाड़ी माने जाने वाले बाहुबली विधायक विजय मिश्र का तिलस्म भी तोड़ दिया है। अब तक इस सीट पर 25 साल के जिला पंचायत में 23 साल तक समाजवादी पार्टी की जीत होती चली आ रही थी, जिसमें विधायक विजय मिश्र का दबदबा सदैव रहता था। लेकिन विधायक विजय मिश्र के इस समय जेल में होने से भाजपा विधायक रविंद्रनाथ त्रिपाठी ने इस सीट पर अपने भाई अनिरुद्ध त्रिपाठी को कब्जा दिलवाने में सफलता हासिल की है। इस जीत की वजह से योगी सरकार को भी उन्होंने अपनी क्षमता व बगावती तेवर को बतलाया है। साथ ही उन्होंने भदोही जिला पंचायत पर कब्जा कर समाजवादी पार्टी का गढ़ ढहा दिया है।