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Hartalika Teej: भगवान शिव को पति के रुप में पाने के लिए माता पार्वती ने किया था हरितालिका तीज का व्रत

Hartalika Teej: हरतालिका तीज के सम्बंध में बताया जाता है कि सौभाग्यवती महिलाएं अपने सुहाग को अखंड बनाए रखने और अविवाहित युवतियां अपने इच्छित वर पति को पाने के लिए यह व्रत करती हैं।

Umesh Singh
Published on: 17 Sep 2023 3:10 PM GMT
Hartalika Teej Story
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Hartalika Teej Story (Photo-Social Media)

Haritalika Teej: हरितालिका व्रत को हरतालिका तीज या फिर तीजा भी कहा जाता है। यह व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। हरतालिका तीज का व्रत या त्योहार सोमवार यानी आज है। इस दिन कुंवारी कन्यााएं और सुहागिन महिलाएं भगवान शंकर और माता पार्वती की सच्चे मन से पूजा करती हैं। यह व्रत करवाचौथ से भी कठिन माना जाता है क्योंकि जहां करवाचौथ में चांद देखने के बाद व्रत तोड़ दिया जाता है वहीं इस व्रत में पूरे दिन निर्जल व्रत किया जाता है और अगले दिन पूजन के पश्चात ही व्रत तोड़ा जाता है।

अविवाहित युवतियां अपने इच्छित वर पति को पाने के लिए करती हैं व्रत

हरतालिका तीज के सम्बंध में बताया जाता है कि सौभाग्यवती महिलाएं अपने सुहाग को अखंड बनाए रखने और अविवाहित युवतियां अपने इच्छित वर पति को पाने के लिए यह व्रत करती हैं। सबसे पहले यह व्रत माता पार्वती ने सबसे भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए रखा था। उन्हीं का अनुसरण करते हुए महिलाएं माता पार्वती और शिवजी जैसा दांपत्य जीवन पाने के लिए यह व्रत करती हैं। इस दिन व्रत करने वाली स्त्रियां सूर्योदय से पूर्व ही उठ जाती हैं और नहा धोकर पूरा श्रृंगार करती हैं।

पूजन विधि

पूजन के लिए केले के पत्तों से मंडप बनाकर गौरी-शंकर की प्रतिमा स्थापित की जाती है। इसके साथ पार्वती जी को सुहाग का सारा सामान चढ़ाया जाता है। रात में भजनए कीर्तन करते हुए जागरण कर तीन बार आरती की जाती है और शिव पार्वती विवाह की कथा सुनी जाती है। हरतालिका तीज व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की विधि.विधान से पूजा की जाती है। कई जगहों पर महिलाएं भगवान शिवए माता पार्वती और श्रीगणेश की कच्ची मूर्ति से प्रतिमा बनाती हैं। ये व्रत निर्जला और निराहार रखा जाता है। इस व्रत में अन्न और जल ग्रहण करना मना होता है। व्रत का पारण अगले दिन यानी चतुर्थी तिथि में किया जाता है। व्रत रखने वाली महिलाओं को हरतालिका तीज व्रत कथा जरूर सुननी चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एक बार हरतालिका तीज व्रत शुरू करने के बाद जीवन भर इस व्रत को नियमित रूप से रखना चाहिए। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती को रेशमी वस्त्र अर्पित करना शुभ माना जाता है। हरितालिका तीज व्रत की पूजा प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद सबसे शुभ मानी जाती है। श्री मिश्र ने बताया कि इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य के साथ सुख.शांति की प्राप्ति होती है।

Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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