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Kalki Avatar: कलयुग का अंत तय! भगवान विष्णु का कैसा होगा कल्कि अवतार, दिव्य-भव्य होगा मंदिर

Kalki Avatar: कलयुग में जब अधर्म अपने चरम पर होगा तो एक फिर भगवान विष्णु कल्कि का अवतार लेकर धरती में आएंगे। यह वह समय होगा जब सृष्टि विनाश की ओर होगी।

Snigdha Singh
Written By Snigdha Singh
Published on: 19 Feb 2024 1:08 PM IST (Updated on: 19 Feb 2024 1:18 PM IST)
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Kalki Avatar (Photo: Social Media)

Kalki Avatar: शास्त्रों की मानें तो कहा गया है कि जब-जब सृष्टि में पाप बढ़ा है तब-तब भगवान ने अवतार लिया है। द्वापर में श्रीकृष्ण तो त्रेता में श्रीराम ने अवतार लेकर पाप को खत्म किया है। इसी कड़ी में जब कलयुग में पाप और अधर्म अपने चरम पर होगा तो भगवान विष्णु धरती में कल्कि के रूप जन्म लेंगे। हिंदू शास्त्रों और पुराणों के अनुसार ये निहित है कि भागवान विष्णु कब और कहां कल्कि के रूप में जन्म लेंगे। शास्त्रों को आधार मानते हुए आज यानि सोमवार को उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि के मंदिर का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया।

कल्कि" एक हिंदी शब्द है जिसका मतलब "कलयुग के अंत के अवतार" होता है। यह हिंदू धर्म में एक प्रतीत अवतार के रूप में माना जाता है जो कलयुग के अंत में पृथ्वी को सुधारने के लिए आएगा। "कल्कि" शब्द संस्कृत शब्द "कलिका" से उत्पन्न हुआ है, जिसका अर्थ होता है "काल" या "काला"। कल्कि" को हिंदू धर्म में दसवें अवतार के रूप में माना जाता है, जो कलयुग के अंत में पृथ्वी को सुधारने के लिए आएगा।जब समाज में अत्याधुनिकता, अधर्म, और पाप अधिकता होगी। कल्कि अवतार भगवान विष्णु के रूप में आएगा, अनेक पुराणों और शास्त्रों में इसको वर्णित किया गया है।

कब और कहां होगा भगवान कल्कि का अवतार

अग्नि पुराण के 16वें अध्याय में कल्कि अवतार का चित्रण तीर-कमान धारण किए हुए एक घुड़सवार के रूप में किया गया है। भगवान कल्कि का जन्म सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को संभल नामक स्थान पर विष्णुयशा नाम के एक ब्राह्मण परिवार में होगा। भगवान कल्कि के पिता भगवान विष्णु के भक्त होंगे। साथ में वह वेदों और पुराणों के ज्ञाता भी होंगे।

कलयुग की अवधि को हिंदू धर्म में अलग-अलग पुराणों और शास्त्रों में विविधता के साथ वर्णित किया गया है। हिंदू धर्म के पुराणों के अनुसार भगवान कल्कि के अवतार लेते ही सतयुग का आरम्भ और कलयुग का अन्त होगा। कलयुग का प्रारंभ 3102 ईसा पूर्व से हो चुका है, जिसका अभी प्रथम चरण चल रहा है। मान्यता है कि कलियुग 4 लाख 32 हजार वर्षों का होगा, जिसमें से कलयुग के 5126 साल बीत चुके हैं और 426875 साल अभी बाकी हैं। यानी कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार होने में अभी करीब 426875 साल बाकी हैं।

श्रीमद्भगवद्गीता पुराण के बारहवें स्कन्द में उल्लेख है कि भगवान का कल्कि अवतार कलयुग के अंत और सत्ययुग के संधि काल में होगा। शास्त्रों में कल्कि अवतार से सम्बंधित एक श्लोक में यह भी उल्लिखित है-

सम्भल ग्राम मुख्यस्य, ब्राह्मणस्य महात्मनः। भवने विष्णु यशसः कल्किः प्रादुर्भविष्यति।

इसका अर्थ है कि संभल में विष्णुयश नामक श्रेष्ठ ब्राह्मण के बेटे के रूप में भगवान कल्कि का जन्म होगा। कल्कि भगवान देवदत्त नाम के घोड़े पर सवार होकर अपनी तलवार से दुष्टों का संहार करेंगे, तब से ही सत्ययुग की शुरुआत होगी। भगवान विष्णु का कल्कि अवतार मिस्सकलंक अवतार के नाम से भी जाना जाएगा.

ऐसा होगा कल्कि का मंदिर

उत्तर प्रदेश के संभल में बन रहे कल्कि मंदिर भव्य और दिव्य होगा। जानकारी के मुताबित मंदिर में भगवान विष्णु के दस अवतारों के लिए अलग-अलग दस गर्भगृह होंगे। कल्कि धाम में भगवान कल्कि के नए विग्रह की स्थापना होगी, जबकि पुराना कल्कि पीठ यथावत बना रहेगा। श्री कल्कि धाम मंदिर परिसर पांच एकड़ में बनकर तैयार होगा, जिसमें 5 वर्ष का समय लगेगा। इस मंदिर का निर्माण भी राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित बंशी पहाड़पुर के गुलाबी पत्थरों से किया जाएगा। मालूम हो कि गुजरात के सोमनाथ मंदिर और अयोध्या राम मंदिर का निर्माण भी यहीं के पत्थरों से हुआ है। मंदिर का निर्माण 11 फीट ऊंचे चबूतरे पर होगा, इसके शिखर की ऊंचाई 108 फीट होगी। मंदिर में 68 तीर्थों की स्थापना होगी, जबकि कहीं भी स्टील या लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

भगवान विष्णु के अवतार

भगवान विष्णु ने ब्रह्मा, विष्णु और महेश को त्रिमूर्ति के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने संसार के सृजन, पालन और संहार के कार्य किये हैं। विष्णु भगवान के दस मुख्य अवतार हैं, जिनमें नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण आदि शामिल हैं। इनके अलावा विष्णु भगवान के अनेक छोटे-बड़े अवतार हैं जैसे मोहिनी, हंस, मत्स्य, कूर्म, आदि। विष्णु भगवान के अब तक कुल अवतारों की संख्या लगभग 24 हो सकती है।



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