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कैंसर अस्पताल की कवायद तेज, बीएचयू पहुंची टाटा इंस्टीट्यूट की टीम ने लिया जायजा
टीएमएच टीम के सदस्य प्रो शर्मा ने बताया कि अस्पताल की आर्थिक आवश्यकताएं और संचालन टीएमएच करेगा। इसके लिए एटॉमिक एनर्जी रिसर्च विभाग ने 600 करोड़ रुपये देगा। अगले साल से यहां मरीजों के लिए टीएमएच के डाक्टरों की ओपीडी सेवा शुरु हो जाएगी।
वाराणसी: बीएचयू में बनने वाले देश के सबसे बड़े कैंसर अस्पताल कवायद तेज हो गई है। पीएम नरेंद्र मोदी ने 22 दिसंबर को अपने वाराणसी दौरे में इसकी आधारशिला रखी थी। पीएमओ के निर्देश पर शुक्रवार को मुंबई स्थित टाटा मेमोरियल कैंसर संस्थान की टीम अस्पताल निर्माण का जायजा लेने बीएचयू पहुंची। टीम ने जगह का निरीक्षण किया और अधिकारियों के साथ बैठक की।
कैंसर अस्पताल की कवायद तेज
-बीएचयू में बनने वाले कैंसर अस्पताल के लिए सरकार सर्वे और नियुक्ति की प्रक्रिया में जुट गयी है।
-इसी कड़ी में मुंबई टीएमएच की टीम ने निरीक्षण के बाद रिपोर्ट तैयार की है।
-पहले चरण में कैंसर रोगियों के एडवांस तकनीक से इलाज के लिए 250 बेड का अस्पताल बनाया जाएगा।
-यह अस्पताल पूर्वांचल और प्रदेश के अन्य स्थानों के लोगों को मुंबई और दिल्ली की दौड़ से बचाएगा और उन्हें सस्ता इलाज मुहैया कराएगा।
-बीएचयू के सर सुन्दरलाल अस्पताल के एमएस डा. ओपी उपाध्याय ने बताया कि टीएमएच की टीम स्थान के निरीक्षण से संतुष्ट है।
-डॉ. उपाध्याय के अनुसार जल्द निर्माण के बाद अगले साल से यहां मरीजों के लिए टीएमएच के डाक्टरों की ओपीडी सेवा शुरु हो जाएगी।
-अत्याधुनिक मशीनों से लैस अस्पताल ढाई साल के अंदर पूरी तरह काम करने लगेगा।
अत्याधुनिक होगा अस्पताल
-डा. उपाध्याय ने बताया कि इस अस्पताल का नाम पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर अस्पताल होगा।
-टीएमएच टीम के सदस्य प्रो शर्मा ने बताया कि अस्पताल की आर्थिक आवश्यकताएं और संचालन टीएमएच करेगा।
-इसके लिए एटॉमिक एनर्जी रिसर्च विभाग 600 करोड़ रुपये देगा।
-ये देश का पहला साइक्लोट्रॉन प्रोडक्शन करने वाला अस्पताल होगा जिससे रेडियोधर्मी पदार्थ बनाये जाते है। इसमें एक हॉट लैब भी होगी।
-इससे पहले 12 दिसंबर को पीएमओ की टीम बीएचयू आई थी जिसने 15 दिसंबर को रिपोर्ट सौंप दी थी।
-प्रधानमंत्री मोदी ने 22 दिसंबर को सुंदरबगिया में 10 एकड़ में बनने वाले सेंटर की आधारशिला रखी थी।
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