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सिर मुंडवाने वाली छात्रा की क्या है मिस्ट्री, BHU ने आखिर क्यों उठाए सवाल ?
बीएचयू कैंपस में छेड़खानी की घटनाओं को लेकर दूसरे दिन भी जारी है। प्रदर्शन करने वाली छात्राएं पीछे हटने को तैयार नहीं है। छात्राओं ने मोर्चा खोला तो दूसरी तर
वाराणसी: बीएचयू कैंपस में छेड़खानी की घटनाओं को लेकर दूसरे दिन भी जारी है। प्रदर्शन करने वाली छात्राएं पीछे हटने को तैयार नहीं है। छात्राओं ने मोर्चा खोला तो दूसरी तरफ उनका साथ देने के लिए विभिन्न संगठन साथ आ गए हैं। छात्राओं के इस प्रदर्शन से बीएचयू में हड़कंप मच गया।
इस दौरान पूरे दिन एक लड़की सुर्ख़ियों में रही। यह कोई बाहरी नहीं बल्कि बैचलर आॅफ फाइन आर्ट्स की स्टूडेंट आकांक्षा गुप्ता थी। दावा किया गया कि छेड़खानी की घटनाओं के विरोध में आकांक्षा ने अपना सिर मुंड़वाया है। रात होते होते बीएचयू प्रशासन ने आकांक्षा के दावों को न सिर्फ झुठलाया बल्कि कई संगीन आरोप भी लगाये। बीएचयू प्रशासन के मुताबिक सिर मुड़वाने का छेड़खानी की घटना से कोई सरोकार नहीं है। आकांक्षा पहले भी सिर मुंडवा चुकी है।
बीएचयू ने भी फेसबुक पोस्ट का लिया सहारा
बीएचयू प्रशासन ने आकांक्षा के दावों के झुठलाने के लिए उसके फेसबुक प्रोफाइल का सहारा लिया। बीएचयू की तरफ से जारी विज्ञप्ति के अनुसार आकांक्षा मई 2016 को भी बाल मुंडवा चुकी है और इसकी फोटो अपने फेसबुक वाल पर भी शेयर की थी। यही नहीं आकांक्षा ने 31 मई 2016 को एक टिप्पणी का उत्तर 'Mundan again' से दिया था। इन्होंने अपने इस फेसबुक अकांउट में कहीं यह नहीं लिखा कि बीएचयू की घटना के चलते बाल मुंडवाये हैं।
पीएम के कार्यक्रम के बाद आयी अनूठी सफाई
बीएचयू के पीआरओ ने लंबी-चौड़ी सफाई पेश की है लेकिन दिन भर चले आंदोलन के दौरान कोई झाँकने तक नहीं आया था। एक सच यह भी है कि आकांक्षा के बाल तत्काल के मुंडवाये है जबकि बीएचयू इसे सवा साल पहले का बता रहा है। सवा साल के दौरान किसी के बाल इतने तो बढ़ ही जाते हैं कि देखते से साफ पता चल सके। धरने पर बैठी छात्राओं ने पहले ही आशंका जतायी थी कि कुछ इसी तरह उन्हें फंसाने की कोशिश की जायेगी। जानबूझ कर कुछ छात्राओं ने कैप्री पहनी थी और उनका कहना था कि बीएचयू इसी को छेड़खानी की वजह बतायेगा। जिस छात्रा के संग गुरुवार को छेड़कानी हुई वह तो सलवार सूट पहने थी।
बीएचयू का दावा पहले से प्रायोजित था घटनाक्रम
बीएचयू की तरफ से यह भी कहा गया कि पीएम के कार्यक्रम को देखते हुए विश्वविद्यालय की छवि धूमिल करने की खातिर यह सुनियोजित और प्रायोजित साजिश है। धरने में बाहर के लोगों के अलावा कई निलंबित वर्तमान और पूर्व छात्र बड़ी संंख्या में शामिल है। शैक्षाणिक-प्रशासनिक व्यवस्था को कड़ाई से लागू करने के कारण से परेशान यह संस्थाएं बीएचयू को बदनाम करने की खातिर हर हथकंडा अपना रही है और किसी स्तर तक गिर सकती है।