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BHU में अब इतिहास के पेपर में ‘पॉलिटिक्स’, छात्रों ने उठाए सवाल
बीएचयू एक बार फिर विवादों में हैं। राजनीति विज्ञान के बाद अब इतिहास के पेपर को लेकर भी सवाल उठने लगे है। एमए थर्ड समेस्टर के पेपर में हलाला, पद्मावती और जौहर जैसे वि
वाराणसी: बीएचयू एक बार फिर विवादों में हैं। राजनीति विज्ञान के बाद अब इतिहास के पेपर को लेकर भी सवाल उठने लगे है। एमए थर्ड समेस्टर के पेपर में हलाला, पद्मावती और जौहर जैसे विवादित प्रश्नों को पूछा गया है। इसे लेकर अब छात्रों और टीचरों के एक गुट ने विरोध करना शुरू कर दिया है। छात्रों के मुताबिक अब तक जिन विषयों को आरएसएस और बीजेपी उठाती आई है, अब उसे बीएचयू में पेपर में जगह देकर एक खास विचारधारा को थोपने की कोशिश की जा रही है।
बीएचयू में बवाल की नई वजह
बीएचयू में इन सवालों को लेकर बवाल मचा हुआ है। इतिहास विभाग में एमए थर्ड सेमेटर के एग्जाम में पूछे गए सवालों पर छात्रों के एक गुट ने नाराजगी जताई है। छात्रों का आरोप है कि ये सवाल राजनीति से प्रेरित हैं। विश्वविद्यालय को हिंदुत्व की नई प्रयोगशाला बनाने की कोशिश हो रही है। इन सवालों के जरिए हिंदुत्व के एजेंडे को लागू करने की साजिश रची जा रही है।
BHU में अब इतिहास के पेपर में ‘पॉलिटिक्स’, छात्रों ने उठाए सवाल
पहले भी लगते रहे हैं आरोप
दरअसल पिछले तीन सालों से बीएचयू प्रशासन के ऊपर भगवाकरण के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन इस बार सेमेस्टर इग्जाम में ये दिखने भी लगा है। पहले राजनीति विज्ञान के प्रश्न पत्रों में जिस तरह से मनु का महिमामंडन किया गया और अब इतिहास के पेपर में तीन तलाक और पद्मावती जैसे सुगलते सवाल दागे गए हैं। छात्रों का कहना है कि हाल के दिनों में हिंदुवादी संगठन भी इन्हीं सवालों को उठाते आए हैं। छात्रों के मुताबिक विश्वविद्याल की बुनियादी समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए भी इस तरह के सवालों का सहारा लिया जा रहा है।
क्या है प्रोफेसर का तर्क ?
वहीं पेपर बनाने वाले प्रोफेसर राजीव श्रीवास्तव के अपने तर्क हैं। उनके मुताबिक मध्यकालीन इतिहास में तीन तलाक, हलाला और पद्मावती जैसे मुद्दों को जानने और उस पर अपने विचार रखने का हक हर छात्र को है। चूंकि ये मुद्दे समसामयिक है, इसलिए इन सवालों को परीक्षा में पूछा गया है।