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BHU: इफ्तार पार्टी का आयोजन करने वाले कुलपति नहीं आए परशुराम जयंती में, छात्रों ने किया हंगामा
BHU: हिन्दू छात्रों ने परशुराम जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया। इन छात्रों ने इस आयोजन में कुलपति को निमंत्रण भेजा था। मगर, कुलपति नहीं आए। इसी को लेकर छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा।
Varanasi BHU: बनारस हिंदू विश्वविद्य़ालय (BHU) में इफ्तार पार्टी (Iftar Party) के आयोजन पर शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा। मंगलवार, 03 मई को भी छात्रों का गुस्सा नहीं शांत हुआ। आज भी बीएचयू में छात्रों ने जमकर हंगामा किया। इतना ही नहीं, एक बार फिर कुलपति आवास के बाहर बवाल काटा। इस दौरान कुछ उग्र छात्रों ने इफ्तार पार्टी का आयोजन करने वाले कुलपति (वीसी) का पुतला भी फूंका।
परशुराम जयंती पर नहीं आए कुलपति
दरअसल, आज 3 मई को परशुराम जयंती है। इस मौके पर कुछ हिन्दू छात्रों ने परशुराम जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया। इन छात्रों ने इस आयोजन में कुलपति को निमंत्रण भेजा था। मगर, कुलपति नहीं आए। इसी को लेकर छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। उनका आरोप है कि एक तरफ तो कुलपति खुद इफ्तार पार्टी का आयोजन करते हैं, मगर दूसरी तरफ परशुराम जयंती से किनारा करते हैं। ये पक्षपात पूर्ण रवैया उन्हें कतई बर्दाश्त नहीं।
कुलपति आवास के बाहर मनाई परशुराम जयंती
बीएचयू में छात्रों का एक बड़ा वर्ग है जो कुलपति के इफ्तार पार्टी आयोजन से खफा था। कहा जाता है उन्हीं छात्रों ने आज परशुराम जयंती मनाने की ठानी। और जब निमंत्रण के बाद भी आज कुलपति वहां नहीं पहुंचे तो छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। जिसके बाद गुस्साए छात्रों ने कुलपति आवास के बाहर ही परशुराम जयंती मनाने लगे। हालांकि, कुलपति के नहीं आने का कारण उन्हें कोविड-19 से संक्रमित होना बताया जा रहा है।
...तो चले जाएं जामिया-जेएनयू
बता दें कि, बीएचयू में बवाल की शुरुआत तब हुई जब विश्वविद्यालय के कुलपति ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था। यूनिवर्सिटी में हंगामा कर रहे छात्रों का कहना है कि बीएचयू में बीते पांच साल से कभी इफ्तार का आयोजन नहीं हुआ। पहली बार इस तरह का कोई आयोजन किया गया। विरोध कर रहे छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय द्वारा 'मजहबी रंग' देने की कोशिश की जा रही है। चूंकि, ये इफ्तार पार्टी का आयोजन वाइस चांसलर ने किया था, इसलिए विरोध कर रहे छात्रों का आरोप है कि अगर कुलपति को इफ्तार पार्टी का आयोजन करना है तो वे जामिया मिलिया इस्लामिया या जेएनयू चले जाएं।