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Uttar Pradesh News: भूटान नरेश पहुंचे उत्तर प्रदेश, मंगलवार को महाकुंभ में करेंगे स्नान

Uttar Pradesh News: भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक आज उत्तर प्रदेश पहुंचे हैं। वह मंगलवार यानी कल महाकुंभ में संगम स्नान करेंगे।

Sakshi Singh
Published on: 3 Feb 2025 5:27 PM IST (Updated on: 3 Feb 2025 7:03 PM IST)
Bhutan King Wangchuk in UP to Holy dip in Maha Kumbh
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Bhutan King Wangchuk in UP to Holy dip in Maha Kumbh

Uttar Pradesh News: भूटान नरेश महामहिम जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक सोमवार को उत्तर प्रदेश के लखनऊ पहुंचे। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में वो मंगलवार को में स्नान करेंगे।

भूटान नरेश का लखनऊ के चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वागत किया। इस दौरान महापौर सुषमा खर्कवाल, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, डीजीपी प्रशांत कुमार, लखनऊ के जिलाधिकारी विशाख सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने भूटान नरेश के साथ सोशल मीडिया मंच एक्स पर फोटो शेयर करते हुए लिखा कि शौर्य, संस्कार एवं सांस्कृतिक समरसता की पावन भूमि उत्तर प्रदेश में भूटान के महामहिम नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक जी का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन है।

योगी आदित्यनाथ का एक्स पर पोस्ट

उत्तर प्रदेश के जिला प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन डेढ महीने तक चलना है। यह 13 जनवरी से शुरू हुआ, जो कि 26 फरवरी को समाप्त हो जाएगा। इस आयोजन को पूर्ण कुंभ कहा जा रहा है। जो कि पूरे 144 साल बाद आया है। हिंदू धर्म की मान्यता के मुताबिक इस आयोजन का विशेष महत्व है। यहां संगम डुबकी लगाने दूर-दूर से लोग आ रहे हैं। देश से ही नहीं विदेश से भी लोग यहां संगम में स्नान करने लोग प्रयागराज पहुंच रह हैं।

भारत में चार स्थानों पर लगता हैं कुंभ

बता दें कि भारत में चार स्थान है, जहां कुंभ का आयोजन होता है। जिसमें से एक प्रयागराज भी है। इसके अलावा, उत्तराखंड में हरिद्वार, महाराष्ट्र के नासिक और मध्य प्रदेश के उज्जैन में कुंभ का आयोजन होता है। हालांकि प्रयागराज का महत्व और बढ़ जाता है क्योंकि यहां हर साल गंगा नदी के किनारे रेत में माघ मेला का आयोजन होता है। माघ मेला हिंदी महीना के माघ महीने में आयोजन होता है, जिसका खास महत्व माना जाता है।

पूर्ण महाकुंभ का आयोजन कब होता है

हर 6 साल में अर्धकुंभ का आयोजन होता है। 12 साल पर महाकुंभ का आयोजन होता है और 144 साल बाद यानी 12 महाकुंभ के बाद पूर्ण महाकुंभ का आयोजन होता है।



Sakshi Singh

Sakshi Singh

Senior Content Writer

मेरा नाम साक्षी सिंह है। मूलत: प्रयागराज की रहने वाली हूं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने बैचलर और मास्टर दोनों ही जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन विषय से किया है। पत्रकारिता की शुरुआत दैनिक जागरण (प्रिंट) से किया। दैनिक भास्कर (डिजिटल) में प्रयागराज में फील्ड रिपोर्टर रही। इसके बाद मैंने अमृत विचार, राजस्थान पत्रिका और नवभारत डिजिटल में लगभग 18 महीने बतौर कंटेट राइटर काम किया। इस संस्थान में नेशनल और इंटरनेशनल की रियल टाइम की खबरें लिखती रही। इसके साथ ही इस संस्थान में मैंने यहां शिफ्ट इचार्ज के तौर पर टीम भी लीड किया है। इस क्षेत्र में काम करते हुए लगभग साढ़े तीन साल से ज्यादा समय हो गए हैं। मेरी रुचि और पकड़ लगभग सभी विषयों पर है। लेकिन इंडियन पॉलिटिक्स और इंटरनेशनल रिलेशन्स में विशेष दिलचस्पी है।

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