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लॉकडाउन-3 में बड़ा फैसलाः कपड़ा निर्यातकों को मिली संजीवनी
विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल के प्रयास से 24 घंटे से पहले ही नोएडा-ग्रेटर नोएडा में कपड़ा निर्यातकों की समस्या को हल कर आदेश जारी कर दिया है। अनिल कुमार, उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग गौतमबुद्धनगर
नोएडा। उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग ने लॉकडाउन 3 में बड़ा फैसला लिया है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा में 611 कपड़ा निर्यात इकाइयों को खोलने का निर्णय लिया है।
प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने आदेश बृहस्पतिवार को जारी कर दिया है। इससे उन कपड़ा निर्यातकों को बड़ी राहत मिली है, जिनके पास विदेशी ऑर्डर तो मौजूदा था, लेकिन लॉकडाउन में ऑर्डर पूरा कर सप्लाई का संकट बना हुआ था। इस कारण करीब 5००० करोड़ रुपये से अधिक का ऑर्डर हाल ही में विदेशी खरीदारों ने रद कर दिया था। इससे कपड़ा उद्योग वेंटीलेटर पर चला गया था, लेकिन सरकार एक फैसले ने बृहस्पतिवार उद्योग को संजीवनी प्रदान कर दी।
सरकार के रुख पर एक्सपोर्ट कलस्टर ने जताई थी आपत्ति
बता दें की चार मई को प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से एक ऑनलाइन पोर्टल जारी किया था। इस पोर्टल पर कंटेनमेंट जोन के बाहर संचालित इकाइयों को कुछ शर्तों के साथ नोएडा-ग्रेटर नेएडा में इकाइयों के संचालन की अनुमति प्रदान की जा रही थी, लेकिन इसमें उन इकाइयों को ही अनुमति जारी की गई थी, जो आकस्मिक सेवा और निरंतर चलने वाली इकाइयों थीं।
इस पर नोएडा अपैरल एक्सपोर्ट कलस्टर ने आपत्ति जताते हुए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग को पत्र जारी किया था। लिखा कि गौतमबुद्धनगर एक जिला एक उत्पाद में गारमेंट्स एवं टेक्सटाइल उद्योग में दर्ज है। यहां पर तीन हजार से अधिक इकाइयां संचालित हो रही है।
इसमें करीब 9०० इकाइयां गारमेंट्स एक्सपोर्ट ओरिएंटेड (ईओयू) हैं, लेकिन जो अनुमति ईओयू को प्रदान की जा रही है, उसमें केवल एनएसईजेड (नोएडा विशेष आर्थिक जोन) में संचालित इकाइयां शामिल हैं। विभाग इसके बाद संचालित इकाइयों को ईओयू मान ही नहीं रहा है। इसके बाद एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने मामले को तत्काल मुख्यमंत्री के समक्ष रखा और समस्या का समाधान कर आदेश पत्र जारी कर दिया।
2 हजार करोड़ रुपए का आर्डर किया जाएगा पूरा
नोएडा अपैरल एक्सपोर्ट कलस्टर चेयरमैन ललित ठुकराल ने बताया कि कपड़ा निर्यात उद्योग के लिए यह आदेश संजीवनी है। इससे कुछ निर्यातकों को बर्बाद होने से बचाया जा सकता है, क्योंकि करीब 2००० करोड़ रुपये का ऑर्डर अभी भी पूरा किया जाना बाकी है।
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन राष्ट्रीय सचिव राजीव बंसल ने बताया कि उनकी कंपनी में अभी करीब 3०० करोड़ रुपये का ऑर्डर पूरा किया जाना बाकी है। लॉकडाउन के कारण ऑर्डर को पूरा नहीं किया जा सका। अगले एक से डेढ़ माह में यह ऑर्डर सप्लाई कर दिया जाएगा।
विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल के प्रयास से 24 घंटे से पहले ही नोएडा-ग्रेटर नोएडा में कपड़ा निर्यातकों की समस्या को हल कर आदेश जारी कर दिया है।
अनिल कुमार, उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग गौतमबुद्धनगर