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ददुआ के दर भंडारा: 351 क्विंटल आटे की पूड़ियां, देशी घी में बने पकवान

खाने में पूड़ी, सब्जी, चावल, बूंदी और आचार परोसा गया। आसपास की हर ग्राम सभा के लिए एक अलग पंडाल बनाया गया था। हर पंडाल में 15-20 वॉलंटियर्स मौजूद थे। पूड़ियां ट्रैक्टरों में भरकर लाई गईं थीं।

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Published on: 15 Feb 2016 8:41 AM GMT
ददुआ के दर भंडारा: 351 क्विंटल आटे की पूड़ियां, देशी घी में बने पकवान
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फतेहपुर: नरसिंहपुर कबरहा और आसपास के 20 गांवों के लोगों के लिए शनिवार और रविवार के दिन किसी शादी से कम नहीं थे। शनिवार पूरी रात ग्रामीणों ने भंडारे के लिए पूड़ी-सब्जी बनवाई। हैरानी की बात यह है कि इन सभी गांवों में कहीं भी चूल्हा नहीं जला। सभी लोगों ने भंडारे में खाना खाया। पूरा खाने में शुद्ध देसी घी और 351 क्विंटल आटा यूज हुआ। धाता के अलावा पूरे कौशांबी जिले की किसी भी दुकान में देसी घी नहीं मिला।

ददुआ का मंदिर ददुआ का मंदिर

घरों में नहीं जले चूल्हे

-ददुआ और उसके परिवार के प्रति वफादारी जताने के लिए यह सबसे अच्छा मौका था।

-इस कारण किसी भी घर में रविवार को चूल्हा नहीं जला।

-अगर किसी भी घर में खाना बनता तो उसे विरोधी माना जाता।

ट्रैक्टरों में भरकर लाई गईं थीं पूड़ियां

-खाने में पूड़ी, सब्जी, चावल, बूंदी और आचार परोसा गया।

-आसपास की हर ग्राम सभा के लिए एक अलग पंडाल बनाया गया था।

-हर पंडाल में 15-20 वॉलंटियर्स मौजूद थे। पूड़ियां ट्रैक्टरों में भरकर लाई गईं थीं।

ददुवा के दर्शन को पहुंचे लोग

-पानी के लिए कई टैंकर खड़े थे, मंदिर देखने के कौतूहल में लोग सैकड़ों ट्रैक्टरों से भारी तादाद में पहुंचे।

-जमुनापुर गांव के प्रभाकर निषाद और प्रेमबहादुर ने बताया कि वे मंदिर में दर्शन के लिए आए हैं।

-रायबरेली, प्रतापगढ़, कौशांबी, इलाहाबाद, कर्वी और कई जिलों के लोग यहां पहुंचे थे।

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